शरद पूर्णिमा की रात लक्ष्मी पूजा से गूंजा रघईडीह सिंह बंगला परिसर

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शरद पूर्णिमा की रात लक्ष्मी पूजा से गूंजा रघईडीह सिंह बंगला परिसर

 

भक्तिमय माहौल में माता लक्ष्मी की आराधना, तीन दिवसीय मेला का शुभारंभ

डीजे न्यूज, महेशमुंडा(गिरिडीह) : शरद पूर्णिमा की रात बेंगाबाद केघईडीह स्थित सिंह बंगला परिसर में श्रद्धा और भक्ति का माहौल रहा। सोमवार देर रात यहां पारंपरिक रीति से लक्ष्मी पूजा सह मेला का शुभारंभ किया गया। पूजा समिति के सदस्यों ने फीता काटकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया, इसके बाद पुजारी अशोक पाठक व राजकुमार पाठक ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ माता लक्ष्मी की प्रतिमा की विधिवत पूजा-अर्चना की। देर रात तक जागरण मंडली ने एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किए, जिससे पूरा महेशमुंडा क्षेत्र भक्तिरस में डूब गया। इसी के साथ तीन दिवसीय मेला की शुरुआत हुई।

दूर-दराज से जुटे श्रद्धालु, मेला में उमड़ी भीड़

मंगलवार को महेशमुंडा स्टेशन मेला का रंग देखने लायक था। गांडेय, बेंगाबाद, गिरिडीह, मधुपुर, मारगोमुंडा और मुरलीपहरी समेत कई इलाकों से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मेले में बड़ा झूला, तारामाची, ड्रैगन, मिक्की माउस, गगनचुंबी झूला के साथ खिलौनों, मिठाइयों और जरूरत की वस्तुओं की दुकानें सजी हैं। पूजा समिति ने बताया कि इस वर्ष तीन दिनों तक यह आयोजन चलेगा और 9 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के साथ इसका समापन होगा।

आपसी एकता की मिसाल है यह पूजा-मेला

लक्ष्मी पूजा सह मेला की शुरुआत आज़ादी से पहले वर्ष 1942 में बंधाबाद निवासी यदुनंदन गोस्वामी और मंडाटांड़ निवासी सयूम खान ने मिलकर की थी। उनके साथ बेनी राणा, दानी राय, रामगोविंद दूबे और कुर्बान मियां ने सहयोग किया था। पहले इसका आयोजन बंधाबाद सिंह बंगला परिसर में होता था, लेकिन बढ़ती भीड़ के कारण इसे बाद में महेशमुंडा स्टेशन परिसर में स्थानांतरित किया गया। रेलखंड विस्तारीकरण के चलते पिछले पाँच वर्षों से यह आयोजन पुनः रघईडीह सिंह बंगला में किया जा रहा है। यह मेला आज भी सौहार्द और धर्मनिरपेक्ष एकता का प्रतीक माना जाता है।

पूजा सह मेला को सफल बनाने में हेमराज साव, धनंजय राणा, जितेंद्र सिंह, बैजनाथ राणा, विजय गोस्वामी, नेशाब अहमद, गोपाल राणा समेत समिति के सदस्य जुटे हुए हैं।

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