15 अक्टूबर तक कैथलैब में सेंट्रल इमरजेंसी शिफ्ट करने का लक्ष्य

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15 अक्टूबर तक कैथलैब में सेंट्रल इमरजेंसी शिफ्ट करने का लक्ष्य

एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक ने उपायुक्त को सौंपी आवश्यक मशीनों की मांग से संबंधित रिपोर्ट

जिला के फंड से पूरी की जाएंगी आवश्यक मशीनों की मांग : उपायुक्त 

डीजे न्यूज, धनबाद : शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) की व्यवस्था दुरुस्त करने के मुद्दे पर गुरुवार को उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी वरुण रंजन की अध्यक्षता में एसएनएमएमसीएच के प्राचार्य, अधीक्षक, एडीएम लॉ एंड आर्डर के साथ गोपनीय कार्यालय में बैठक हुई।‌‌ एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक ने अलग-अलग विभागों में आवश्यक मशीनों की मांग से संबंधित उपायुक्त को रिपोर्ट सौंपी। उपायुक्त  ने कहा कि आवश्यकता के अनुसार जिले के फंड से अस्पताल की बुनियादी सुविधा, मशीनों की कमी को 15 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। उपायुक्त ने पूर्व के बैठक में दिए गए निर्देश के अनुपालन की समीक्षा की। उन्होंने एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक से कैथलैब में इमरजेंसी वार्ड की शिफ्टिंग से संबंधित जानकारी मांगी। एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक ने बताया कि शिफ्टिंग की तैयारी शुरू की जा चुकी है। जल्द ही सेंट्रल इमरजेंसी को कैथलैब में शिफ्ट किया जाएगा। उपायुक्त ने 15 अक्टूबर तक सेंट्रल इमरजेंसी को कैथलैब में सुचारू रूप से शुरू करने हेतु निर्देशित किया। अधीक्षक ने रजिस्ट्रेशन काउंटर पर अत्यधिक भीड़ होने से परेशानियों से संबंधित उपायुक्त को अवगत कराया। उपायुक्त द्वारा जल्द ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत करने के दिशा निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत होने से रजिस्ट्रेशन काउंटर पर भीड़ काफी कम हो जाएगी, जिसका फायदा आम लोगों को होगा। उन्हें लाइन में लगाने की समस्याओं से राहत मिलेगी और उनका काफी समय बचेगा। साथ ही उपायुक्त द्वारा अस्पताल में ई-हॉस्पिटल की सुविधा शुरू करने को भी निर्देशित किया गया। उपायुक्त ने कहा कि पहले फेज में एसएनएमएमसीएच के मशीनों की कमी एवं आधारभूत संरचना से संबंधित कार्य किए जाएंगे। वही बचे हुए काम अगले फेज में की जाएगी। उन्होंने कहा कि धनबाद जिले से कई पेशेंट अन्य शहरों में रेफर किए जाते हैं, जिला प्रशासन ऐसी व्यवस्था यहां सुनिश्चित करेगी जिससे कि मरीज को समुचित इलाज यहां मिल सके एवं उन्हें किसी अन्य शहर में रेफर ना करना पड़े। इसके अलावे बैठक में ड्रेनेज की सफाई, वेस्ट मैनेजमेंट, प्रतिदिन अलग रंग के चादर लगाने, बिजली, वायरिंग, इंटरनल रोड, लॉन्ड्री मशीन, खिड़कियों में नेट लगाने, दवाओं की कमी को पूरा करने, पेशेंट के नाम, रूम नंबर के साथ बॉर्डर पर अंकित करने, एक्सेस कंट्रोल करने, अस्पताल परिसर में दीदी कैफे चालू करने पर चर्चा की गई।

विशेष कार्य पदाधिकारी सुशांत मुखर्जी, एसएनएमएमसीएच के प्राचार्य डॉक्टर ज्योति रंजन, एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार मौजूद थे।

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