विचारों की क्रांति सबसे बड़ी क्रांति, भगत सिंह की विचारधारा आज भी मेहनतकश जनता के संघर्षों का करती है मार्गदर्शन

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विचारों की क्रांति सबसे बड़ी क्रांति,

भगत सिंह की विचारधारा आज भी मेहनतकश जनता के संघर्षों का करती है मार्गदर्शन
डीजे न्यूज, रांची: शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की जयंती के अवसर पर शनिवार को सफ़दर हाशमी सभागार, रांची में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

अध्यक्षता राज्य सचिव कॉमरेड प्रकाश विप्लव ने की। इस अवसर पर सचिव मंडल सदस्य कॉमरेड समीर दास, जिला सचिव कॉमरेड प्रफुल्ल लिंडा, राज्य समिति सदस्य कॉम अमल पांडेय, सीटू के कॉमरेड प्रतीक मिश्रा, वरिष्ठ साथी कॉमरेड प्रकाश टोप्पो, कॉमरेड सुमंत साहू समेत अनेक साथी उपस्थित रहे।

वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह की विचारधारा आज भी मेहनतकश जनता के संघर्षों का मार्गदर्शन करती है। कॉमरेड सुधांशु शेखर ने भगत सिंह के अमर कथनों को दोहराते हुए उनके विचारों की प्रासंगिकता स्पष्ट करते हुए कहा कि क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज़ होती है। जरूरी नहीं कि क्रांति हमेशा खूनी हो। विचारों की क्रांति सबसे बड़ी क्रांति होती है।
क्रांति की लड़ाई सिर्फ़ अंग्रेज़ों को भगाने की नहीं है, बल्कि उस व्यवस्था को मिटाने की है, जिसमें एक आदमी दूसरे का शोषण करता है।
धर्म मनुष्य को बांधता है, जबकि विज्ञान उसे आज़ाद करता है। जो नौजवान देश और समाज के लिए आगे नहीं आता, उसकी जवानी बेकार है। उन्होंने कहा कि क़ुर्बानी देने वाले कभी मरा नहीं करते, उनकी मौत समाज के लिए जीवन का संचार करती है।

सभा में यह संकल्प लिया गया कि मजदूर, किसान, युवा, छात्र और मेहनतकश जनता के बीच भगत सिंह के वैज्ञानिक समाजवाद, नास्तिकता, तर्कवाद और क्रांतिकारी विरासत को लगातार फैलाया जाएगा।

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