टेट की अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों ने पलामू उपायुक्त कार्यालय पर किया प्रदर्शन 

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टेट की अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों ने पलामू उपायुक्त कार्यालय पर किया प्रदर्शन 

एनसीटीई गाइडलाइन का हवाला देकर कहा- 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर टेट की अनिवार्यता अन्यायपूर्ण

डीजे न्यूज, पलामू : टेट से संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के हालिया आदेश के पुनर्विचार की मांग को लेकर शिक्षकों ने गुरुवार को पलामू जिला समाहरणालय पर प्रदर्शन किया। संघ की राज्य कार्यसमिति की बैठक में 14 सितंबर को लिए गए निर्णय के अनुसार, सोमवार शाम 4 बजे जिला समाहरणालय परिसर में बड़ी संख्या में शिक्षक एकत्रित हुए और उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को संबोधित था।

शिक्षकों ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि वे 31 वर्षों से सेवा दे रहे हैं। उनकी नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग, पटना द्वारा आयोजित पीटी और मेन्स दोनों परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर मेधा सूची के आधार पर हुई थी। वर्तमान में वे एनसीटीई की गाइडलाइन के मुताबिक कार्यरत हैं और 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर टीईटी की अनिवार्यता लागू नहीं होती। ऐसे में उन पर टेट की शर्त लागू करना नैसर्गिक न्याय के प्रतिकूल है। शिक्षकों ने यह भी कहा कि शिक्षा संघ सूची और राज्य सूची दोनों में आती है, जो समवर्ती सूची के अंतर्गत है। सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश से राज्य के लगभग 35 हजार शिक्षक प्रभावित होंगे। उन्होंने मांग की कि व्यापक शिक्षा हित और शिक्षकों की अस्मिता की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री इस मामले में हस्तक्षेप करें और 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को राहत प्रदान करें। ज्ञापन देनेवालों में जिलाध्यक्ष सुधीर कुमार दूबे, महासचिव अमरेश कुमार सिंह, वरीय उपाध्यक्ष रामानुज प्रसाद, नंद किशोर राम, संगठन सचिव राजीव रंजन पांडेय, संयुक्त सचिव विनय मांझी, जिला कार्यकारिणी सदस्य नागेंद्र प्रसाद, उदय सिंह, नवनीत कुमार सुंदरम सहित सभी प्रखंडों के अध्यक्ष और सचिव उपस्थित रहे।

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