

कलाकारों के लिए समय-समय पर सुविधाएं एवं पेंशन की व्यवस्था सरकार करेगी : सुदिव्य सोनू
सरकार ने लॉन्च किया वेबसाइट, कलाकारों का प्रोफाइल होगा अपलोड
कला संगम ने किया मंत्री सुदिव्य सोनू का सम्मान
डीजे न्यूज, गिरिडीह : कला संगम के तत्वावधान में अधिवक्ता संघ भवन में आयोजित स्व. नन्दकिशोर प्रसाद स्मृति सारेगामा गीत प्रतियोगिता सीजन 13 का फाइनल रविवार हुआ। फाइनल के दौरान मुख्य अतिथि नगर विकास, खेल-कूद, पर्यटन, कला एवं संस्कृति मंत्री सुदिव्य कुमार का अभिनंदन और सम्मान किया गया। सम्मान के पूर्व सचिव सतीश कुंदन ने बताया कि आजादी के बाद झारखंड में संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी एवं साहित्य अकादमी का गठन हमारे गिरिडीह के विधायक एवं झारखंड के कला संस्कृति मंत्री के हाथों संभव हुआ है। हम उनका तहेदिल आभार व्यक्त करते हैं कला संगम की ओर से अभिनंदन एवं सम्मान करते हैं।
इसके बाद मंत्री का सम्मान कला संगम के अध्यक्ष प्रकाश सहाय, संरक्षक एवं स्व. नंदकिशोर प्रसाद के पुत्र अजय सिन्हा मंटू, संरक्षक श्रेयांस जैन, कार्यकारी अध्यक्ष पंकज ताह, सचिव सतीश कुंदन ने संयुक्त रूप से शॉल ओढ़ाकर एवं सम्मान पत्र सौंप कर किया।
मौके पर मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि कला और कलाकारों की बेहतरी के लिए कला एवं संस्कृति विभाग ने एक वेबसाइट लॉन्च किया है। इस वेबसाइट में कलाकारों का प्रोफाइल अपलोड होगा। इससे हम उनकी बेहतरी के लिए समय-समय पर सुविधाएं एवं पेंशन की व्यवस्था करेंगे। कला को बढ़ावा देने के लिए अन्य कई योजनाओं पर कार्य हो रहा है। आज हिंदी दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं हैं। हम हिंदी की सेवा कर रहे हैं और करते रहेंगे।
ज्ञात हो कि प्रतियोगिता का ऑडिशन 7 सितंबर हुआ था। शनिवार को सेमीफाइनल और रविवार की देर रात तक फाइनल हुआ, परिणाम की घोषणा देर रात हुई। निर्णायक संगीतज्ञ ओरित चंद्रा, राजीव रंजन, दीवानंद प्रसाद, नयनदीप सिन्हा, रविशंकर सिंह थे। प्रतियोगिता के दौरान कला संगम के संरक्षक राजेंद्र बगेडिया, सतविंदर सिंह सलूजा, स्व. नंदकिशोर प्रसाद के पुत्र रोटेरियन विकास सिन्हा, सह सचिव शिवेन्द्र कुमार सिन्हा, कोषाध्यक्ष बिनय बक्शी, सह संयोजक सुनील भूषण, राजेश सिन्हा, नाट्य प्रमुख नीतीश आनंद, मीडिया प्रभारी सुनील मंथन शर्मा, आजीवन सदस्य देवेंद्र सिंह, डॉ तारकनाथ देव, अजय शिवानी, अनिल चंद्रवंशी, रवीश, शुभम, आकाश, सिद्धांत, क्रांति साहा, शिलधर प्रसाद आदि मौजूद थे।
