

हजारीबाग का प्रवासी मजदूर इंदौर से दो माह से लापता, परेशान है परिवार
पलायन की मार, झारखंड के मजदूरों की जिंदगी दांव पर
डीजे न्यूज, हजारीबाग : बिष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के अलकोपी निवासी होपन मांझी का 39 वर्षीय पुत्र मोहन मांझी बीते दो माह से लापता है। परिजनों का कहना है कि वह 7 जुलाई को चलनियां के ठेकेदार प्रकाश सिंह के माध्यम से ट्रांसमिशन लाइन का काम करने मध्य प्रदेश के इंदौर गए थे। लेकिन इंदौर रेलवे स्टेशन से ही अचानक लापता हो गए। उसके बाद से परिजन लगातार खोजबीन कर रहे हैं, परंतु अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।
लंबे समय से बेटे का कोई अता-पता नहीं मिलने पर परिवार अब गहरे संकट में है। पत्नी, वृद्ध मां-बाप और छोटे बच्चों की स्थिति दयनीय होती जा रही है। उनकी पत्नी ने कहा कि यदि उनके पति को कुछ अनहोनी हो गई है तो बूढ़े सास-ससुर का सहारा कौन बनेगा। वहीं माता-पिता अपने बेटे को याद कर रो-रोकर बेहाल हैं। परिवार का कहना है कि अब तो दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना भी मुश्किल हो गया है। इसकी जानकारी मिलने पर प्रवासी मजदूरों के हित में सक्रिय समाजसेवी सिकंदर अली लापता मजदूर के घर पहुंचे। उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर मदद का भरोसा दिलाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा पलायन है। झारखंड के नौजवान लगातार रोज़गार के लिए बाहर जा रहे हैं और आए दिन उनके साथ अप्रिय घटनाएँ सामने आती हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कब तक झारखंड के लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों और यहां तक कि दूसरे देशों में अपनी जान जोखिम में डालते रहेंगे। उन्होंने गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के पांच मजदूरों का भी जिक्र किया, जिन्हें नाइजर में अगवा हुए लगभग पाँच महीने हो चुके हैं और अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है। सिकंदर अली ने राज्य सरकार से मांग की कि प्रदेश में ही पर्याप्त रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि मजदूरों को पलायन की मजबूरी से छुटकारा मिल सके और उनकी जिंदगी दांव पर न लगे।
