धधकती आग, गैस रिसाव के बीच सिसकती इंसानी जिंदगी

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धधकती आग, गैस रिसाव के बीच सिसकती इंसानी जिंदगी

तरुण कांति, कतरास, धनबाद  : जमीन के नीचे धधकती आग, गैस रिसाव, हवा में आग की तपिश के कारण गर्माहट और इनके बीच सिसकती इंसानी जिंदगी। कुछ ऐसा ही है तेतुलमुड़ी 22/12 बस्ती के लोगों का जीवन। गुरुवार अहले सुबह जामा मस्जिद के पास हुई भू धंसान की घटना के बाद लोग एकबार फिर सहमे हुए हैं। लोगों के जेहन में‌ पूर्व में घटित घटनाओं की याद ताजा कर दी। वर्ष 2013 से इस बस्ती में लगातार भू धंसान, गोफ, दीवारों में दरारें, गैस रिसाव की घटनाएं घटित हो रही है। वर्ष 2022 के 23 मार्च को‌ दैनिक मजदूर चंदन कुमार सिंह का रसोई घर जमींदोज हो गया था। इस घटना में स्वजन बाल-बाल बच ग ए थे। तेतुलमुड़ी 22/12 बस्ती में रैयत व गैर रैयत रहते हैं। वर्ष 1980 में बीसीसीएल के द्वारा करीब 80 गैर रैयत परिवार को यहां बसाया गया था। इनलोगों को माइनर्स क्वार्टर व हर्टमैन क्वार्टर आवंटित किया गया था। माइनर्स में 60 व हर्टमैन में 20 परिवार रहा करते थे। इनमें से 20 परिवार अन्यत्र चला गया है। शेष बचे लोगों के दिल में फिर से विस्थापन का दर्द समा गया है। चेहरे पर चिंता की लकीरें झलकने लगी है। आसपास से निकलता धुआं यहां के वाशिंदों को हमेशा भय की गिरफ्त में रखता है। लोगों का एक ही स्वर में कहना है कि प्रबंधन हमें ऎसी जगह बसा दें जहां हमारी रोजी रोटी प्रभावित न हो। ग्रामीणों ने कहा कि जानमाल की क्षति पहुंचने से पहले ही प्रबंधन सुरक्षित जगह बसाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

==तेतुलमुड़ी की घटनाओं पर एक नजर:-

19 जुलाई 2013=आवास ढहे।

7 अगस्त 2013=पौराणिक काली मंदिर में दरार।

1 फरवरी 2014=भू धंसान से आवासों में दरार।

6 फरवरी 2014=आंदोलन पर उतरे भू धंसान प्रभावित, खदान का काम ठप।

19 अप्रैल 2014=विशेषज्ञों ने मापा फायर एरिया का तापमान।

4 जून 14=धरना पर बैठे तेतुलमुड़ी के ग्रामीण ।

19 अक्टूबर 14=गोफ से दहशत।

17 दिसंबर 14=धरना।

6 फरवरी 15=जामा मस्जिद की जमीन में विस्फोट ।

15 म ई 15=गोफ।

30 जुलाई 15=पुनर्वास के लिए जरेडा की बैठक।

19 सितंबर 16=पूर्व मंत्री स्व. ओपी लाल के नेतृत्व में सिजुआ क्षेत्रीय कार्यालय के सामने बेमियादी धरना शुरू।

21 सितंबर 16=पूर्व मंत्री मथुरा महतो, जलेश्वर महतो, मन्नान मल्लिक ने दिया धरना को समर्थन।

23 सितंबर 16=तत्कालीन एसडीएम ने लिया जायजा।

24 सितंबर 16=तत्कालीन राज्यसभा सांसद संजीव कुमार पहुंचे।

25 सितंबर 16=कागजातों की जांच।

25 सितंबर 16=सरफराज अहमद पहुंचे।

29 सितंबर 16=गैस रिसाव से एक की मौत।

31 जनवरी 17=135 दिनों के बाद धरना समाप्त।

31 जुलाई 17=जोगता 11 नंबर में शौचालय जमींदोज।

18 जुलाई 21=अनसारुल का दो मंजिला मकान ढहा।

1 अक्टूबर 21=जोगता मैदान में गोफ।

17 अक्टूबर 21=तेतुलमुड़ी बस्ती के पास गोफ।‌

6 नवंबर 21=तेतुलमुड़ी में फिर गोफ।

1 दिसंबर 21=जामा मस्जिद धराशायी ।

23 मार्च 22=दैनिक मजदूर चंदन सिंह का रसोइ घर गोफ में समाया।

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