घनी आबादी के बीच धंसती झरिया-बलियापुर सड़क, संयुक्त मोर्चा ने किया आंदोलन का शंखनाद

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घनी आबादी के बीच धंसती झरिया-बलियापुर सड़क, संयुक्त मोर्चा ने किया आंदोलन का शंखनाद

44 करोड़ की मरम्मत पर भी दरारें, सड़क निर्माण संघर्ष मोर्चा ने सरकार-बीसीसीएल को दी चेतावनी

देवभूमि न्यूज़ झारखंड इंपैक्ट

दीपक पांडेय, तिसरा(धनबाद) : झरिया-बलियापुर मुख्य सड़क, जो कोलफील्ड क्षेत्र की जीवनरेखा कही जाती है, आज भूधंसान और आग की चपेट में है। करोड़ों की लागत से मरम्मत होने के बावजूद सड़क जगह-जगह धंस रही है और दरारें स्पष्ट दिख रही हैं। भारी वाहनों और आम लोगों का लगातार आवागमन किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहा है।

इसी गंभीर मुद्दे पर सड़क निर्माण संघर्ष मोर्चा ने मंगलवार शाम चांद कुइयां मोड़ पर बैठक की। अध्यक्षता वरिष्ठ नेता युद्धेश्वर सिंह ने और संचालन तुलसी रवानी ने किया। बैठक में निर्णय लिया गया कि उपायुक्त और बीसीसीएल के सीएमडी को पत्र देकर अवगत कराया जाएगा। साथ ही बुधवार को धंसान स्थल पर संयुक्त विरोध प्रदर्शन और नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जाएगा। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि घनुडीह, मोहरी बांध से गोलकडीह डंप तक मुख्य सड़क पर दर्जनों जगह दरारें हैं। 44 करोड़ की लागत से एक साल पहले मरम्मत हुई थी, लेकिन आज हालात और बदतर हो गए हैं। दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद न तो राज्य सरकार और न ही बीसीसीएल ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था की है। घनी आबादी के बीच नाला निर्माण में भी भारी लापरवाही बरती गई है। सड़क से होकर प्रतिदिन झरिया से बलियापुर, गोविंदपुर, सालूक, चापड्डा, चिरकुंडा और आसनसोल तक हजारों लोग गुजरते हैं। झरिया कोलफील्ड देशभर में प्रसिद्ध है, लेकिन यहां प्रवेश करने वाली सड़कें आग और भूधसान की मार से जर्जर हैं। लोगों का कहना है कि हर दिन सड़क से गुजरना “अग्नि परीक्षा” से कम नहीं है। बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता एस.एस. विश्वकर्मा, त्रिपुरारी सिंह, रविंद्र सिंह, बाबूलाल विश्वकर्मा, राजाराम पासवान, रोहन भुईया, पत्रकार अशोक कुमार श्रीवास्तव, मिथलेश सिंह, वसंत विश्वकर्मा समेत कई लोग मौजूद रहे।

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