झरिया–बलियापुर मुख मार्ग पर जान जोखिम में सफर, भूधसान से बढ़ा खतरा

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झरिया–बलियापुर मुख मार्ग पर जान जोखिम में सफर, भूधसान से बढ़ा खतरा

44 करोड़ की लागत से बनी सड़क एक साल में धंसी, मरम्मत को लेकर प्रबंधन-प्रशासन मौन

स्कूली बच्चों और आम जनता की जिंदगी दांव पर, दुर्गा पूजा से पहले समाधान की मांग तेज

दीपक पांडेय, तिसरा(धनबाद) :

झरिया–बलियापुर मुख मार्ग पर सफर करने वाले लोग इन दिनों अपनी जान जोखिम में डालकर चलने को मजबूर हैं। लगभग एक माह पहले इस सड़क पर भूधसान होने से 1 से 2 फीट गहरा धंसाव आ गया था। इसके बाद भी प्रबंधन और प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते सड़क की मरम्मत नहीं हुई तो कभी भी भयंकर दुर्घटना हो सकती है।

बताया जाता है कि बंगाल को जोड़ने वाली यह महत्वपूर्ण सड़क वर्ष 2024 में पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के प्रयास से 44 करोड़ रुपये की लागत से मरम्मत कराई गई थी। लेकिन 4 अगस्त की सुबह मोहरी बांध लालटेन गंज के पास अचानक तेज आवाज के साथ सड़क का बड़ा हिस्सा धंस गया। तत्काल बड़े वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया और वैकल्पिक मार्ग बनाने की बात कही गई, लेकिन एक माह से अधिक बीत जाने के बाद भी समाधान नहीं निकला। दुर्गा पूजा नजदीक आने के कारण लोगों में चिंता और आक्रोश बढ़ गया है। आम जनता का कहना है कि प्रबंधन और प्रशासन शायद किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं।

जनप्रतिनिधियों और नेताओं ने जताई कड़ी नाराजगी

इस मुद्दे पर कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं।

एटक के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष श्रीराम गोराई ने कहा कि यह मामला जान-माल से जुड़ा है। अगर समय पर सड़क की मरम्मत नहीं हुई तो प्रबंधन का घेराव किया जाएगा और संसद तक इसकी सूचना दी जाएगी।

एटक नेता सुजीत मंडल ने कहा कि स्थिति खतरनाक है, जिला प्रशासन और प्रबंधन को तुरंत वैकल्पिक मार्ग तैयार करना चाहिए।

जेएमएम नेता विजय कुमार सिंह ने कहा कि यह सड़क स्कूली बच्चों की जीवनरेखा है। प्रतिदिन हजारों बच्चे गांव और कोलियरी क्षेत्रों से झरिया पढ़ने जाते हैं। उनकी सुरक्षा के लिए ठोस कदम जरूरी है।

भाजपा मंडल उपाध्यक्ष कुलदीप साव ने चेतावनी दी कि लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है।

कांग्रेस नेता अशोक मोदक ने कहा कि जल्द से जल्द मरम्मत जरूरी है ताकि लोगों को परेशानी से निजात मिले।

स्थानीय निवासी तुलसी रवानी ने आरोप लगाया कि नियमों को ताक पर रखकर आउटसोर्सिंग का काम सड़क के पास कराया गया। यही धंसाव का कारण है।

प्रबंधन और प्रशासन की दलील

इस मामले में नॉर्थ साउथ कुजामा कोलियरी परियोजना पदाधिकारी संजीव कश्यप ने कहा कि वारिश के कारण परेशानी बढ़ गई है। दुर्गा पूजा से पहले वैकल्पिक मार्ग तैयार कर लिया जाएगा। पहले ही पीडब्ल्यूडी को यह जानकारी दी गई थी कि यह क्षेत्र आग वाला इलाका है, जहां सड़क निर्माण सुरक्षित नहीं है। वहीं घनुडीह ओपी प्रभारी पंकज कुमार ने कहा कि प्रबंधन और अंचलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है। वैकल्पिक मार्ग के रास्ते में कुछ आवास हैं, जिन्हें हटाने को लेकर बातचीत चल रही है। जल्द ही समाधान निकालने का आश्वासन दिया गया है।

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