


बिज़नेस प्लानिंग, मार्केट रणनीति और स्टार्ट-अप से ग्रामीणों को कराया अवगत
डीजे न्यूज, धनबाद:
पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले के सालतोरा प्रखंड के सलमा ग्राम पंचायत में चले रहे उच्च गुणवत्ता वाले बाजरा उत्पादन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहा। यह प्रशिक्षण कोल इंडिया लिमिटेड की कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी पहल के तहत आईआईटी (आईएसएम) धनबाद द्वारा संचालित है।
इस चरण का फोकस उद्यमिता, पैकेजिंग और वैल्यू चेन डेवलपमेंट पर है, ताकि ग्रामीणों और किसानों को ऐसे कौशल मिल सकें जिनसे वे बाजरा आधारित उद्यम शुरू कर बड़े बाज़ार तक पहुँच बना सकें। इससे पहले हुए प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को वैज्ञानिक तरीके से बाजरा की खेती की जानकारी दी गई थी।
पहले दो दिन सत्र प्रो. सुदीप्तो भट्टाचार्य, प्रिंसिपल, बंधन स्कूल ऑफ बिज़नेस, बोलपुर-शांतिनिकेतन ने लिया। वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से सर्टिफाइड एंटरप्रेन्योरशिप एजुकेटर, गोल्डमैन सैक्स स्कॉलर और लंदन बिजनेस स्कूल से सर्टिफाइड स्टार्ट-अप मेंटर हैं। उन्होंने ग्रामीणों को बिज़नेस प्लानिंग, मार्केट रणनीति और स्टार्ट-अप से जुड़ी जानकारी दी।
अंतिम दिन का सत्र डॉ. बिधान दास, डिप्टी डायरेक्टर और ब्रांच हेड, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग, कोलकाता द्वारा लिया जाएगा। वे वैज्ञानिक पैकेजिंग, ब्रांडिंग और क्वालिटी स्टैंडर्ड्स पर प्रशिक्षण देंगे, जिससे बाजरा उत्पादों को बेहतर मार्केट प्रतिस्पर्धा और पहचान मिल सके।
प्रशिक्षण में पंचायत प्रतिनिधि, एनजीओ, कृषक बंधु, स्वास्थ्यकर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कृषि अधिकारी और 100 से अधिक ग्रामीण शामिल हो रहे हैं। समुदाय का उत्साह यह दर्शाता है कि लोग न सिर्फ बाजरा की खेती अपनाना चाहते हैं बल्कि इसे उद्यम के रूप में भी आगे बढ़ाने को तैयार हैं।
कार्यक्रम का नेतृत्व प्रो. नीलाद्रि दास (प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर) और प्रो. रश्मि सिंह (को-प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर) कर रहे हैं। इनके साथ रोहित सिंह, सनी कुमार, सुमना बनर्जी और फिरदौस अंसारी की टीम सहयोग कर रही है।
इस पहल से कोल इंडिया लिमिटेड ने एक बार फिर ग्रामीण और जनजातीय समुदायों के बीच सतत कृषि, रोजगार सृजन और उद्यमिता विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।
