



करम महोत्सव में दिखीं झारखंडी संस्कृति की झलक, “केकर खातिर पूजब करम डरिया गे, भायेक खातिर पूजब करम डरिया गे” गीतों ने किया मंत्रमुग्घ,
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा झारखंड की संस्कृति का पर्व है करमा
डीजे न्यूज, कतरास, धनबाद:
प्रक्रति प्रेम, भाई-बहन के अटूट रिश्ते और झारखंड के सामाजिक व ऎतिहासिक धरोहरों को उजागर करता करम महोत्सव के दौरान पारंपरिक गीत व नृत्य, मांदर की थाप और पारंपरिक वेशभूषा के माध्यम से झारखंडी संस्कृति की झलक दिखने को मिली। मौका था
हरिणा मैदान में रविवार को आयोजित प्रखंड स्तरीय करमा महोत्सव का। करम आखड़ा समिति बाघमारा के तत्वावधान में आयोजित महोत्सव में ‘”केकर खातिर पूजब करम डरिया गे, भायेक खातिर पूजब करम डरिया गे” आदि करम गीतों पर सबों को झूमने पर मजबूर कर दिया। नन्हें मुन्नों ने करम गीतों पर ऎसा नृत्य प्रस्तुत किया कि सभी दंग रह ग ए।


झारखंड की संस्कृति है पर्व : अन्नपूर्णा देवी
महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि झारखंड की संस्कृति का है यह पर्व। इसे कभी नहीं भुलना चाहिए। केंद्र सरकार ने भी माता-बहनों की सुरक्षा के लिए अनेकों योजनाएं बनाई है। गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने भी अपने सम्बोधन मे आयोजन समिति को बधाई दी। धनबाद सांसद ढुलू महतो ने कहा की करमा पर्व से ही पता चलता है की हमारी संस्कृति क्या है। महोत्सव मे बाघमारा विधायक शत्रुघ्न महतो जिला परिषद उपाध्यक्ष सरिता देवी , बाघमारा प्रखंड प्रमुख गीता देवी, उपप्रमुख रंजीत सिंह, धनबाद सांसद की धर्मपत्नी सावित्री देवी, बाघमारा विधायक की धर्मपत्नी डोली देवी की उपस्थिति थी। इनके अलावा पंचायतों के मुखिया और आयोजन समिति के पदाधिकारी मौजूद थे।

