पूर्वी टुंडी में एनजीओ ने सर्वे के नाम पर की लाखों की वसूली
पूर्वी टुंडी में एनजीओ ने सर्वे के नाम पर की लाखों की वसूली
वसूली का पत्र जारी कर घिरी बीडीओ
डीजे न्यूज, पूर्वी टुंडी, धनबाद : पूवीं टुंडी प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के लगभग 60 गांवों में स्वच्छता के नाम पर मकान सर्वे करते हुए किसी एनजीओ द्वारा प्रति मकान 40रु करके अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है।
जब रविवार के दिन भी सर्वे कर्मी लटानी पंचायत के सिंगराईडीह गांव पहुंचे तो लोगों को शक हुआ। मामले की सत्यता जानने के लिए जिला योजना पदाधिकारी से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने साफ कहा कि मकान सर्वे के नाम पर किसी भी मकान मालिक को एक रुपया भी नहीं देना है।
इधर ग्रामीणों ने बताया कि मकान सर्वे करने के नाम पर उगाही करनेवाले कर्मियों द्वारा पूर्वी टुंडी प्रखंड कार्यालय से जारी पत्र एवं उक्त पत्र में स्थानीय पंचायत के मुखिया एवं उप मुखिया का मुहर हस्ताक्षर युक्त पत्र दिखाकर लोगों को विश्वास में लिया गया और प्रति मकान 40 रु की दर से उगाही की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार लटानी, रामपुर, रघुनाथपुर, मोहलीडीह,पंडरा-बेजडा़, मैरानवाटाँड़, उकमा,रुपन तथा चुरुरिया पंचायत के लगभग 10 हजार घरों से प्रति घर 40 रुपए की अवैध वसूली की जा चुकी है। मामले की सच्चाई जानकर सभी पंचायतों के मुखिया भी हैरान हो गये हैं। मुखियों का कहना है कि बीडीओ ऑफिस से निर्गत पत्र को देखकर ही वे इसपर कोई आपत्ति नहीं जता सके क्योंकि पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि मकान मालिक को प्रति मकान प्रशासन द्वारा निर्धारित शुल्क 40रु भुगतान कर रसीद प्राप्त करना है।
इस सम्बंध में जब बीडीओ यस्मिता सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा जारी पत्र के आलोक में प्रखंड कार्यालय पूर्वी टुंडी द्वारा मकान सर्वे करने का पत्र सभी पंचायतों को जारी किया गया था। जिसमें 40रु प्रति मकान शुल्क देने का हवाला दिया गया था लेकिन जब क्षेत्र में मनमाने ढंग से दबाव बनाकर वसूली की बात सामने आई तो कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से संशोधित पत्र जारी किया गया परंतु वह पत्र मुझे नहीं मिला।जिस कारण संशोधित पत्र पंचायतों को नहीं भेजा जा सका।परंतु बीडीओ ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि इस प्रकार से मकान सर्वे के नाम पर किसी को पैसा नहीं देना है।
इधर प्रखंड के लोगों में इस तरह अवैध वसूली को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। साथ ही लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि पूरे प्रखंड में बीडीओ ऑफिस द्वारा जारी पत्र दिखाकर लाखों रुपए की वसूली आखिर किस कंपनी या एनजीओ ने किया और इसकी भरपाई करेगा कौन?