प्रवीण उरांव का गरीबी और संघर्ष के बीच हुआ आईआईटी खड़गपुर में चयन, मुख्यमंत्री हुए भावुक, सौंपा एक लाख पचास हजार का चेेक
प्रवीण उरांव का गरीबी और संघर्ष के बीच हुआ आईआईटी खड़गपुर में चयन, मुख्यमंत्री हुए भावुक, सौंपा एक लाख पचास हजार का चेेक
डीजे न्यूज, रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की मदद से एक अत्यंत गरीब परिवार के प्रतिभावान छात्र प्रवीण उरांव का आईआईटी, खड़गपुर से इंजीनियरिंग करने का सपना साकार होगा। मुख्यमंत्री ने आज रांची जिले के बेड़ो प्रखंड के सुदूरवर्ती गांव के रहने वाले प्रवीण उरांव को पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता के रूप में एक लाख पचास हज़ार रुपए का चेक सौंपा। वे प्रवीण के आर्थिक तंगी के बीच पढ़ाई करने के जज्बे तथा संघर्ष को देखकर अत्यंत भावुक हुए और खुद को गौरवान्वित भी महसूस किया।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ उच्च शिक्षा का भी खर्च वहन करेगी सरकार
मुख्यमंत्री ने प्रवीण से कहा कि उसकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्च सरकार वाहन करेगी। अगर उच्च शिक्षा भी लेना चाहे तो उसमें उसे पूरा सहयोग आर्थिक सहयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रवीण से यह भी कहा कि अगर उसके दोनों भाइयों की पढ़ाई और रोजगार अथवा स्वरोजगार उपलब्ध कराने कराने की दिशा में सरकार पूरा सहयोग करेगी। इस मौके पर प्रवीण की चाची प्रिया मणि भी मौजूद थीं।
प्रवीण की सफलता अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का काम करेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे अत्यंत खुशी हो रही है कि प्रवीण उरांव नाम के एक ऐसे बच्चे से मिलने का मौका मिला। जिसने गरीबी से संघर्ष करते हुए पढ़ाई जारी रखा और आईआईटी जेईई जैसी कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता अर्जित की । प्रवीण की यह सफलता अन्य विद्यार्थियों के लिए निश्चित तौर पर प्रेरणा का काम करेगी।
गरीबी के कारण किसी बच्चे की पढ़ाई बाधित नहीं होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पैसे के अभाव में किसी भी बच्चे बच्ची की पढ़ाई बाधित नहीं होगी। इसका सरकार ने संकल्प ले रखा है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर उसके करियर निर्माण तक के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। युवक-युवतियों को कौशल विकास का भी नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, उनके रोजगार की भी व्यवस्था सरकार कर रही है। जो स्वरोजगार करने के इच्छुक है, उन्हें मुख्यमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जा रही है।
प्रवीण के संघर्ष की यह है दास्तां
प्रवीण उरांव रांची जिले के बेड़ो प्रखंड स्थित एक सुदूरवर्ती गांव का प्रतिभावान छात्र है। उसके पिता मनमोहन उरांव जी का देहांत हो चुका है, जबकि माता श्रीमती सुमित्रा उरांव जी की तबीयत अच्छी नहीं रहती है। प्रवीण की पढ़ाई- लिखाई का जिम्मा उनकी चाची प्रिया मणि जी कर रही हैं, जो स्वयं काफी गरीब है। प्रवीण ने रांची जिले के नरकोपी स्थित सरकारी विद्यालय से पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई की। इसके बाद कक्षा छठी से बारहवीं तक उसने जवाहर नवोदय विद्यालय मेसरा से पढ़ाई पूरी की। प्रवीण ने 10 वीं बोर्ड एग्जाम में 89 प्रतिशत अंक हासिल किए थे, जबकि 12वीं में 85 प्रतिशत अंक आए थे । इसके बाद उसका चयन आईआईटी जेईई का नि:शुल्क कोचिंग कराने वाले दक्षिणा फाउंडेशन, पुणे के लिए हुआ। यहां उसने एक वर्ष तक पढ़ाई की । इसके बाद उसने अपने पहले ही प्रयास में आईआईटी जेईई को क्रैक किया। उसका चयन आईआईटी खड़गपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच के लिए हुआ है।