राज्य व राष्ट्रीय औसत से अधिक है गिरिडीह का प्रजनन दर : नमन प्रियेश लकड़ा
राज्य व राष्ट्रीय औसत से अधिक है गिरिडीह का प्रजनन दर : नमन प्रियेश लकड़ा
प्रजनन दर में कमी लाने के संकल्प के साथ 20 दिवसीय परिवार कल्याण पखवारा शुरू
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 30 स्वास्थ्यकर्मी किए गए सम्मानित
डीजे न्यूज, गिरिडीह : 20 दिवसीय परिवार कल्याण पखवारा मंगलवार को शुरू हो गया। इस पखवारा का समापन 31 जुलाई को होगा। समाहरणालय सभागार में आयोजित समारोह में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने इसका शुभारंभ किया। इस मौके पर वर्ष 2022 में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 30 अधिकारियों एवं स्वास्थ्यकर्मियों सम्मानित भी किया गया।
परिवार कल्याण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता रथ भी निकाला गया। उपायुक्त ने हरी झंडी दिखाकर इस रथ को रवाना किया। यह रथ पूरे जिले में लोगों को परिवार कल्याण की योजनाओं से अवगत कराएगा।
उदघाटन समारोह में बताया गया कि भारत का प्रजनन दर दो प्रतिशत है। जबकि झारखंड का प्रजनन दर 2.3 प्रतिशत और गिरिडीह जिला का प्रजनन दर 2.4 प्रतिशत है। यह बहुत अधिक है। इसे कम करने की आवश्यकता है। जनसंख्या का अधिक अनुपात जलवायु में भीषण परिवर्तन ला रहा है, जो कि काफी हानिकारक है। प्रजनन दर कम करने को लेकर लोगों को परिवार कल्याण के विभिन्न साधनों के लिए प्रेरित किया गया। बताया गया कि प्रकृति नर एवं मादा शिशु के जन्म व जन्म अनुपात में कोई भेदभाव नहीं करती है। वहीं मानव लिंग परीक्षण कराकर मादा शिशुओं की जगह नर शिशुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके कारण नर मादा का सेक्स रेश्यो खराब हो रहा है, जिसका परिणाम काफी भीषण होगा।
इस अभियान का उदघाटन करते हुए उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि
गिरिडीह में प्रजनन दर बहुत अधिक है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य परिवार कल्याण आयामों के तहत
जनवृद्धा दर में कमी लाना है। इसके लिए परिवार नियोजन के विभिन्न आयामों का प्रयोग अति आवश्यक है। आज विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या भारत की है। अधिक जनसंख्या देश के व राज्यों के संसाधनों पर काफी बुरा प्रभाव डालती है। जमीन, अनाज, जल, जलवायु, आदि पर इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। गिरिडीह जिले की ग्रामीण आबादी बहुत ज्यादा है। गिरिडीह जिले में प्रजनन दर 2.4 प्रतिशत है जो कि राष्ट्रीय व राज्य के भी प्रजनन दर से अधिक है। अतः सभी लोगों को मिलकर इसमें कमी लाने की आवश्यकता है।
प्रजनन दर कम करने के सभी साधन स्वास्थ्य केंद्राें में है उपलब्ध : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डा. एसपी मिश्रा ने कहा कि जन्म दर कम करने के लिए एनएसवी, इंटरनल फीमेल स्टरलाइजेशन, पोस्ट पार्टम स्टरलाइजेशन, टोटल स्टरलाइजेशन, आईयूसीडी इंसर्शन, पीपीआईयूसीडी इंसर्शन, पोस्ट अबॉर्शन आईयूसीडी, अंतरा, छाया, माला एन, कंडोम, ईसीपी, पीटीके आदि को अपनाया जा सकता है। यह सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध है।
वर्ष 2022 में परिवार कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने 30 कर्मी सम्मानित
डा रंजित एवं उनकी टीम, तिसरी
डा बीके सिंह, जमुआ
डा इंदिरा सिंह (शिवम क्लिक), गिरिडीह सदर
मंजू कुमारी, बेस्ट बीटीटी, पीरटांड़
प्रीति देवी, बेस्ट बीटीटी, बेंगाबाद
मिलन कुमारी, एएनएम, बगोदर
कुमारी रोजी रानी, एएनएम, पीरटांड़
बिलियाना किस्कू, एएनएम, पीरटांड़
पुष्पा बरनवाल, एएनएम, बिरनी
रंजना कुमारी, एएनएम, गांडेय
उषा कुमारी, एएनएम, गावां
चंद्रानी बेसरा, एएनएम, तिसरी
सुनीता कुमारी, एएनएम, सदर
मधुमाला कुमारी, एएनएम, धनवार
अंशु ऐंद, एन, धनवार
रीना हेंब्रम, एएनएम, बेंगाबाद
नीलम कुमारी, एएनएम, डुमरी
नीलम कुमारी, एएनएम, जमुआ
रीता वर्मा, सहिया, बेंगाबाद
संगीता कुमारी, सहिया, बिरनी
सीता देवी, सहिया, बगोदर
बबिता देवी, सहिया, देवरी
रंजू देवी, सहिया, डुमरी
सुषमा मंडल, सहिया, गांडेय
उषा पांडेय, सहिया, गावां
अंजू देवी, सहिया, जमुआ
बसंती देवी, सहिया, पिरटांड़
रूबी देवी, सहिया, धनवार
गीता देवी, सहिया, सदर
गुड़िया देवी, सहिया, तिसरी
कार्यक्रम का संचालन डीपीएम प्रतिमा कुमारी ने किया।
इस मौके पर डीडीसी, अपर समाहर्ता, आईएएस प्रशिक्षु, सिविल सर्जन, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, एएनएम, सहिया समेत स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।