

,,,,और जब आजादी के दीवानों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कतरास थाना भवन पर फहराया था तिरंगा

तरुण कांति घोष, कतरास, धनबाद:
अंग्रेजी हुकूमत की जंजीरों से जकड़ा हर भारतवासी के दिल में आजादी की आग धधक रही थी। इस हुकूमत से आजाद होने के लिए वर्ष 1942 में पूरे भारतवर्ष में देशव्यापी आंदोलन छिड़ा हुआ था। इस आंदोलन से कतरास भी अछूता नहीं रहा और कतरासवासियों ने भी आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। बात 9 अगस्त 1942 की। अंग्रेजों के खिलाफ कतरास थाना के समीप हुई सभा में लोगों की अपार भीड़ जुटी।
उस समय के अब दिवंगत बीपी सिन्हा, रामानंद खेतान जैसी हस्तियों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद किया था और लोगों में देश भावना का संचार किया।
बीपी सिन्हा ने लोगों के दिलों में उत्साह और देशभक्ति के उमंग को जगाया। परिणामस्वरूप रामानंद खेतान तथा हरिनंद ने कतरास थाना भवन के ऊपर तिरंगा फहरा दिया था। इससे बौखलाई पुलिस ने बीपी सिन्हा और रामानंद खेतान को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी का नतीजा यह हुआ कि लोग आक्रोशित हो उठे और थाना का घेराव कर दिया। इस दौरान पथर फेंके ग ए। पत्थरबाजी में उपायुक्त पिल्लई को चोटें आई थी। लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा था। कतरास का माहौल बिगड़ता देख अंग्रेजी शासन की पुलिस ने बीपी सिन्हा और रामानंद खेतान को थाना से निकालकर धनबाद भेज दिया। इसके बाद भी बवाल कम नहीं हुआ।
सिजुआ से निकली आक्रोश रैली
बीपी सिन्हा तथा रामनंद खेतान की गिरफ्तारी से उपजे बवाल के दूसरे दिन सिजुआ से आक्रोश रैली निकाली ग ई। उन दिनों बीपी सिन्हा सिजुआ में निवास करते थे। सिजुआ क्लब में अंग्रेजों के आला अधिकारी रहते थे। रैली सिजुआ क्लब पहुंची और आक्रोशित लोगों ने आला अधिकारियों की वाहनों में तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया। कतरासगढ़ रेलवे स्टेशन को उड़ाने के उद्देश्य से जुलूस में शामिल लोग सिजुआ से कतरास की ओर कूच किया। लोगों के मसूबे की भनक अंग्रेजी पुलिस को लग ग ई और कतरास में काफी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। स्व. रामधारी शर्मा के नेतृत्व में जुलूस अंगारपथरा, पचगढ़ी बाजार के रास्ते स्टेशन पहुंचा। यहां पुलिस की तैनाती देख जुलूस थाना चौक की ओर चल दिया।
पुलिस ने आक्रोशित लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में क ई आंदोलनकारी चोटिल हो ग ए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गोलियां भी चलाई। पुलिस ने बहादुर सिंह, शिव प्रसाद साव, सूरजमल शर्मा, बिदुल महाराज सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था।
