जामताड़ा में 2019 में बना था शवदाहगृह, आज जंगल में तब्दील

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जामताड़ा में 2019 में बना था शवदाहगृह, आज जंगल में तब्दील

वर्षों से बंद विद्युत शवदाहगृह को चालू कराने को लेकर चैंबर अध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन

डीजे न्यूज, जामताड़ा :जामताड़ा चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें नगर पंचायत द्वारा 2019 में बनाए गए विद्युत शवदाहगृह को चालू कराने की मांग की गई है। यह शवदाहगृह सतसाल स्थित अजय नदी के दूसरे छोर पर अवस्थित है, जो उद्घाटन के बाद अब तक चालू नहीं हो पाया है।

संजय अग्रवाल ने बताया कि यह परियोजना नगर विकास विभाग की देखरेख में वर्ष 2019 में पूर्ण हुई थी और तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व वार्ड पार्षदों द्वारा औपचारिक उद्घाटन भी किया गया था। इसके बावजूद आज तक शवदाहगृह का संचालन शुरू नहीं हो सका, जिससे जनता की उम्मीदें टूट गई हैं।

बंद शवदाहगृह बना जंगल, गरीबों को अंतिम संस्कार में दिक्कत

ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि शवदाहगृह के चालू नहीं होने के कारण यह जगह धीरे-धीरे खंडहर और झाड़ियों में तब्दील होती जा रही है। वहीं, जिले के लोगों खासकर गरीब परिवारों को अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की व्यवस्था करना मुश्किल हो जाता है। शवदाहगृह चालू होने से न केवल लकड़ी की समस्या दूर होगी बल्कि पर्यावरण हित में भी एक अहम कदम साबित होगा।

मंत्री, विधायक और अधिकारियों को लिखा पत्र

संजय अग्रवाल ने इस संबंध में झारखंड सरकार के नगर विकास मंत्री, जामताड़ा के विधायक सह स्वास्थ्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री और उपायुक्त को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए शवदाहगृह को जल्द से जल्द शुरू कराया जाए। उन्होंने कहा कि हमारी मांग सिर्फ एक ढांचे को चालू करने की नहीं है, बल्कि यह जनता की अंतिम पीड़ा से जुड़ा संवेदनशील विषय है। विद्युत शवदाहगृह चालू हो जाने से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया अधिक सम्मानजनक और सुविधा युक्त होगी।

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