डॉक्टर ओर मरीज़ दो अलग टीम नहीं बल्कि एक है, अस्पताल में हंगामा करना बेकार 

Advertisements

डॉक्टर ओर मरीज़ दो अलग टीम नहीं बल्कि एक है, अस्पताल में हंगामा करना बेकार

डीजे न्यूज, गिरिडीह:

नवजीवन नर्सिंग होम में बुधवार शाम गिरिडीह के चिकित्सकों ने प्रेस वार्ता किया।

चिकित्सकों ने मंगलवार शाम अस्पताल परिसर में हुए हंगामा को लेकर चिंता जाहिर की।

बता दें कि मंगलवार की शाम करीब 5:30 बजे एक परिवार 7 माह की गर्भवती महिला को इलाज के लिए गंभीर स्थिति में नवजीवन नर्सिंग होम लेकर पहुंचे थे। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमिता राय ने पेशेंट की जांच की, जिसमें महिला की स्थिति नाजुक देखी गई।

इस दौरान हीमोग्लोबिन 5 ग्राम पाया गया। डॉक्टर अमिता राय ने परिजनों को तीन यूनिट ब्लड तुरंत उपलब्ध कराने को कहा। इतने में करीब 50 से 60 की संख्या में लोग अस्पताल पहुंच गए और शोर शराबा कर हंगामा करने लगा।

इस बाबत अमिता राय ने कहा कि बहुत ही सीरियस स्थिति में महिला को इलाज के लिए बेहोशी की हालत में परिजनों द्वारा मेरे पास लाया गया था। कहां की जमुआ डुमरी के कई अस्पतालों से रेफर होने के बाद मरीज यहां पहुंचा था। हीमोग्लोबिन 5 ग्राम हो गया था। मरीज के परिजनों को तुरंत ब्लड उपलब्ध कराने को कहा गया। लेकिन रात 8.30 बजे किसी तरह एक यूनिट ब्लड लाया। कहा कि हम सभी मरीजों को बेहतर सुविधा ओर इलाज करने का पूरी कोशिश करते है। लेकिन यह बात परिजनों ने नहीं समझा और हंगामा करने लगा। डॉ रितेश सिन्हा ने कहा कि हम डॉक्टर ओर मरीज़ दो अलग टीम नहीं बल्कि एक है। हमारा उद्देश्य मरीज को बेहतर इलाज देना रहता है। लेकिन कोई कोई व्यक्ति हंगामा करते है और अन्य मरीजों को परेशानी के साथ साथ इलाज में बाधा उत्पन्न करते है। कहा कि जो परिजन को नाजुक स्थिति में लाया गया था उसमें पूरा दोष परिजन का है। अचानक हीमोग्लोबिन नहीं घटता है। पहले चिकित्सक से संपर्क नहीं किया गया। प्रेस वार्ता में डॉ रियाज अहमद, डॉ मोहम्मद आजाद, डॉ आर.आर वर्णवाल, डॉ पी सहाय, डॉ उत्तम जालान, डॉ विनय गुप्ता, डॉ विकास लाल, डॉ नीरज डोकानिया, डॉ अमिता राय आदि चिकित्सक मौजूद थे।

Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
Scroll to Top