
विद्युत सुरक्षा एवं एहतियाती रख-रखाव पर पांच दिवसीय ईडीपी कार्यक्रम का शुभारंभ
डीजे न्यूज, धनबाद:
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भारतीय खनि विद्यापीठ), धनबाद के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग द्वारा “सतत खनन के लिए विद्युत सुरक्षा एवं एहतियाती रख-रखाव” विषय पर पांच दिवसीय कार्यकारी विकास कार्यक्रम (ईडीपी) का शुभारंभ सोमवार को सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया सेमिनार हॉल, अकादमिक परिसर में हुआ। कार्यक्रम का उदघाटन संस्थान के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने किया। इस अवसर पर विद्युत अभियांत्रिकी विभागाध्यक्ष प्रो. सुकांता दास, कार्यक्रम के मुख्य अन्वेषक प्रो. निताई पाल तथा सह-अन्वेषक प्रो. प्रदीप कुमार साधु उपस्थित थे।
उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि “सस्टेनेबिलिटी (सततता) शब्द का अर्थ समय, स्थान और स्थिति के अनुसार बदलता रहा है। पहले इसका एक अलग संदर्भ था, लेकिन आज इसका दायरा और दृष्टिकोण बदल गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया भर के सभी देश संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के प्रति प्रतिबद्ध हैं और खनन तथा पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है।
विभागाध्यक्ष प्रो. सुकांता दास ने बताया कि यह इस वर्ष विभाग द्वारा आयोजित दूसरा ईडीपी है, जबकि पिछले वर्ष कुल पांच कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों को इस पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ प्रायोगिक अनुभव भी प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम के सह-अन्वेषक प्रो. प्रदीप कुमार साधु ने कहा कि “यह ईडीपी ज्ञान विनिमय का एक बेहतर मंच है। सतत खनन के लिए एहतियाती रख-रखाव आवश्यक है, ताकि बड़े हादसों या आपदाओं को टाला जा सके।” उन्होंने बताया कि हर दिन शाम को प्रयोगशाला सत्र का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रतिभागियों को व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी दी जाएगी।
प्रो. निताई पाल ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी अतिथियों का आभार जताया और विशेष रूप से डीन कॉरपोरेट कम्युनिकेशन प्रो. रजनी सिंह एवं डीन एकेडेमिक्स प्रो. एम.के. सिंह का नाम लिया, जो उदघाटन सत्र में उपस्थित नहीं हो सके लेकिन बाद में तकनीकी सत्रों के दौरान कार्यक्रम में शामिल हुए।
यह कार्यक्रम खनन क्षेत्र में विद्युत सुरक्षा और मशीनरी के रख-रखाव से जुड़ी विभिन्न आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। खानों में उत्पादन जितना जरूरी है, उतनी ही प्राथमिकता सुरक्षा को दी जाती है।इसीलिए मशीनों का नियमित और एहतियाती रख-रखाव उत्पादन के लिए एक तरह का “टीका” है।
पांच दिनों के इस कार्यक्रम में खदानों में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था, माइनिंग स्विचगियर्स, सुरक्षा उपकरण, विद्युत झटके से सुरक्षा, उपकरणों की स्वास्थ्य निगरानी, खतरनाक दुर्घटनाओं के केस स्टडी, विद्युत सुरक्षा ऑडिट, लाइटनिंग से सुरक्षा, इमरजेंसी लाइटिंग एवं कम्युनिकेशन सिस्टम जैसी महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान और व्यावहारिक सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। प्रतिभागियों को एक खनन उद्योग या शोध प्रयोगशाला का भ्रमण भी कराया जाएगा ताकि वे व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर सकें।
यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को सुरक्षा और दक्षता के साथ खनन संचालन के लिए आवश्यक जानकारी और कौशल प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।