जामताड़ा के7.52 लाख लोगों को दी जाएगी फाइलेरिया की निश्शुल्क दवा 

Advertisements

जामताड़ा के7.52 लाख लोगों को दी जाएगी फाइलेरिया की निश्शुल्क दवा

उन्मूलन को लेकर जामताड़ा में अभियान की व्यापक तैयारी 

 डीसी रवि आनंद की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की बैठक संपन्न

डीजे न्यूज, जामताड़ा : राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जामताड़ा जिले में आगामी 10 से 25 अगस्त तक एमडीए-आईडीए (MDA-IDA) अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री रवि आनंद (भा.प्र.से.) की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस दौरान उपायुक्त ने फाइलेरिया रोधी जागरूकता लिफलेट का विमोचन करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले के सभी 7,52,874 लक्षित लाभुकों को निर्धारित डोज के अनुसार दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि अभियान का संचालन माइक्रोप्लान के अनुरूप किया जाए, जिससे प्रत्येक हाउसहोल्ड तक दवा पहुंचे।

अभियान की रूपरेखा:

अवधि: 10 अगस्त से 25 अगस्त 2025

लक्षित आबादी: 7,52,874 लोग

बूथों की संख्या: 1,238

हाउसहोल्ड: 1,64,118

दवा प्रशासक: 2,820

पर्यवेक्षक: 194

पहले दिन बूथ पर और फिर डोर-टू-डोर दवा वितरण

उपायुक्त के निर्देश:

उपायुक्त श्री रवि आनंद ने सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय से काम करने को कहा और स्पष्ट किया कि “जो अधिकारी/कर्मी अच्छा प्रदर्शन करेंगे उन्हें सम्मानित किया जाएगा, जबकि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”

उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को दवा प्रशासक की उपस्थिति में ही दवा खिलाई जाए, और दवा देने के बाद बाएं हाथ की तर्जनी अंगुली पर मार्कर से चिन्ह भी लगाया जाए। साथ ही उन्होंने वेदर फोरकास्टिंग को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश भी दिया।

तेजी से घट रहा है एमएफ रेट

बैठक में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. अमित तिवारी ने फाइलेरिया से संबंधित डॉक्यूमेंट्री और पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में माइक्रोफाइलेरिया (MF) दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है:

2023: 7.4%

2024: 4.3%

2025: 3.96%

रैपिड रेस्पॉन्स टीम गठित

दवा सेवन के बाद संभावित रिएक्शन की स्थिति से निपटने हेतु उपायुक्त के निर्देश पर जिला और प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन कर लिया गया है। साथ ही सदर अस्पताल व सीएचसी स्तर पर मेडिकल सुविधा और दवा स्टॉक सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।

बैठक में सिविल सर्जन डॉ. आनंद मोहन सोरेन, डब्ल्यूएचओ से डॉ. अमित तिवारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजशेखर, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी कलानाथ, जिला शिक्षा पदाधिकारी चार्ल्स हेंब्रम, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. डी.सी. मुंशी, सहित संबंधित विभागों के अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के कर्मी उपस्थित थे।

फाइलेरिया एक असाध्य लेकिन रोके जाने योग्य बीमारी है। हर व्यक्ति को साल में एक बार फाइलेरियारोधी दवा जरूर लेनी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां इस गंभीर बीमारी से मुक्त रह सकें।

Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
Scroll to Top