
अनुभव से शिक्षा की उड़ान : सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में सामाजिक विज्ञान, गणित और अंग्रेजी की बहुआयामी प्रदर्शनी
मुझे बताओ तो मैं भूल जाऊंगा, मुझे सिखाओ तो मैं याद रखूंगा, मुझे शामिल करो तो मैं सीखूंगा…की सोच को किया साकार
हमारा उद्देश्य शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखते हुए अनुभव और रचनात्मकता के माध्यम से सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देना है : जोरावर सिंह सलूजा
डीजे न्यूज, गिरिडीह : “मुझे बताओ तो मैं भूल जाऊंगा, मुझे सिखाओ तो मैं याद रखूंगा, मुझे शामिल करो तो मैं सीखूंगा…बेंजामिन फ्रैंकलिन की इस शिक्षाप्रद सोच को साकार करते हुए, सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल ने शनिवार को अपने परिसर में एक शानदार और अनुभव आधारित विषय प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस शैक्षणिक आयोजन में कक्षा 3 से 10 तक के छात्र-छात्राओं ने सामाजिक विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषयों पर आधारित 85 से अधिक रचनात्मक मॉडल प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें मुख्य अतिथि स्कॉलर बीएड कॉलेज की एचओडी प्रो. हरदीप कौर, विद्यालय की निदेशक रमनप्रीत कौर, प्राचार्या ममता शर्मा, उप प्राचार्य सूरज कुमार लाला और सीनियर एडमिनिस्ट्रेटर रूपा मुद्रा ने भाग लिया। सभी ने विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए मॉडल्स का अवलोकन किया और उनकी कल्पनाशीलता की मुक्तकंठ से सराहना की।
सामाजिक विज्ञान प्रदर्शनी : इतिहास और भूगोल को किया जीवंत
सामाजिक विज्ञान की प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने सिंधु घाटी सभ्यता की नगर योजना, वेदों की शिक्षाओं की प्रतिलिपियां, प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की संरचना, गंगा एक्शन प्लान, भूगर्भीय संरचनाएं, और ऐतिहासिक घटनाओं को मॉडलों के माध्यम से प्रस्तुत किया। इन प्रस्तुतियों ने न केवल विद्यार्थियों की समझ को गहरा किया, बल्कि दर्शकों को भी इतिहास और भूगोल के प्रति रुचि जगाई।
गणित प्रदर्शनी : सूत्रों को बनाया आकर्षक और सरल
गणित प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने गणित को एक रचनात्मक कला के रूप में प्रस्तुत किया। ज्यामितीय पार्क, त्रिकोणमिति पार्क, पायथागोरस प्रमेय, वृत्त, वर्ग, भिन्न, और गुणक जैसे विषयों को सुंदर और सटीक मॉडलों के जरिए प्रदर्शित किया गया। इन मॉडलों ने गणित की जटिल अवधारणाओं को रोचक और सहज बना दिया।
अंग्रेजी प्रदर्शनी : व्याकरणिक कौशल का प्रभावशाली प्रदर्शन
अंग्रेजी भाषा की प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने प्रपोजीशन, कंजंक्शन, एडजेक्टिव, मोडल्स, डेटर्मिनर्स, और वर्ड वॉल जैसे विषयों पर अपने विचार और समझ को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया। यह प्रदर्शनी बच्चों की भाषाई दक्षता और रचनात्मक प्रस्तुति क्षमता को दर्शाती है।
रचनात्मकता को मिला मंच, आत्मविश्वास को मिली उड़ान
इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंध निदेशक जोरावर सिंह सलूजा ने सभी विद्यार्थियों की सराहना करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखते हुए अनुभव और रचनात्मकता के माध्यम से सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देना है। आज बच्चों ने जो प्रस्तुत किया, वह वास्तव में प्रेरणादायी है। संचालन चंद्रमल्लिका घोष ने किया। कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षकगण, अभिभावक और विद्यार्थियों की उपस्थिति ने आयोजन को सफल और सार्थक बनाया।
सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल की यह बहुआयामी प्रदर्शनी न केवल विद्यार्थियों की रचनात्मकता का प्रदर्शन थी, बल्कि यह अनुभव आधारित शिक्षा की एक जीवंत मिसाल भी बनी। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि जब बच्चों को सोचने, समझने और प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाता है, तो वे ज्ञान की नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में सक्षम होते हैं।