
बगोदर के गोपालडीह मोड़ पर ओवरब्रिज निर्माण की मांग तेज, जिप सदस्य सुनीता ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को भेजा पत्र
डीजे न्यूज, बगोदर(गिरिडीह) : झारखंड के गिरिडीह जिला अंतर्गत बगोदर प्रखंड के जीटी रोड स्थित गोपालडीह मोड़ पर लगातार हो रहे सड़क हादसों से चिंतित होकर डुमरी जिला परिषद सदस्य सुनीता कुमारी ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एवं एनएचएआई के परियोजना निदेशक को पत्र लिखकर ओवरब्रिज निर्माण की मांग की है। उन्होंने इसे जनहित की अत्यंत महत्वपूर्ण आवश्यकता बताया है।
बगोदर प्रखंड के गोपालडीह मोड़ पर ओवरब्रिज निर्माण की मांग लंबे समय से स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही है। इसी कड़ी में सोमवार को डुमरी जिला परिषद सदस्य सुनीता कुमारी ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के परियोजना निदेशक को पत्र प्रेषित कर उक्त स्थान पर शीघ्र ओवरब्रिज निर्माण की मांग की है। पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि झारखंड के प्रसिद्ध सोना पहाड़ी मंदिर बको गांव में स्थित है, जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा इस मार्ग से दर्जनों पंचायतों के लोग नियमित रूप से आवाजाही करते हैं। हर दिन हजारों वाहन इस मोड़ से होकर जीटी रोड पार करते हैं, जिससे यह स्थान अत्यधिक व्यस्त और दुर्घटनाजन्य बन चुका है।
सुनीता कुमारी ने पत्र में बताया कि गोपालडीह मोड़ से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर एकमात्र ओवरब्रिज स्थित है, जिसके कारण स्थानीय लोगों को मजबूरी में इसी मोड़ से सड़क पार करनी पड़ती है। इस वजह से कई बार गंभीर दुर्घटनाएं घट चुकी हैं, जिनमें कई लोगों की जान तक जा चुकी है।
डुमरी क्षेत्र की प्रतिनिधि होने के साथ-साथ बगोदर प्रखंड के बको गांव की निवासी सुनीता कुमारी ने इस विषय को व्यक्तिगत संवेदनाओं से भी जोड़ा। उन्होंने कहा,
“मेरी कर्मभूमि भले ही डुमरी हो, पर जन्मभूमि बगोदर प्रखंड का बेको गांव है। जब-जब मैं अपने मायके या सोना पहाड़ी मंदिर जाती हूँ, तो गोपालडीह मोड़ पार करते समय मन में डर समा जाता है। यह स्थान अत्यंत संवेदनशील हो चुका है और इसके समाधान के लिए ओवरब्रिज निर्माण आवश्यक है।”
उन्होंने मांग की है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में शीघ्र ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति दी जाए, ताकि भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके और लोगों को सुरक्षित आवागमन का अधिकार मिल सके।