गिरिडीह केंद्रीय कारा में जेल अदालत, बंदियों को मिली विधिक सहायता व चिकित्सकीय सुविधा 

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गिरिडीह केंद्रीय कारा में जेल अदालत, बंदियों को मिली विधिक सहायता व चिकित्सकीय सुविधा

डीजे न्यूज, गिरिडीह : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गिरिडीह के मार्गदर्शन में रविवार को गिरिडीह केंद्रीय कारा परिसर में जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर एवं मेडिकल हेल्थ चेकअप का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य बंदियों को उनके विधिक अधिकारों की जानकारी देना, न्यायिक सहायता उपलब्ध कराना और उनके स्वास्थ्य की जांच सुनिश्चित करना रहा।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गिरिडीह द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जेल अदालत के साथ-साथ कानूनी जागरूकता शिविर और मेडिकल चेकअप की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। कार्यक्रम का संचालन सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गिरिडीह सफदर अली नैयर के मार्गदर्शन में किया गया।

इस अवसर पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम गिरिडीह से फैयाज अहमद एवं रंजीव कुमार, सहायक परामर्शदाता के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने बंदियों को नि:शुल्क कानूनी सहायता और उसके प्रावधानों की जानकारी दी।

सचिव सफदर अली नैयर ने अपने संबोधन में बताया कि नालसा (नई दिल्ली) और झालसा (रांची) के निर्देशों के तहत कारा में निरंतर विधिक जागरूकता अभियान चलाया जाता है। प्रत्येक माह जेल अदालत का आयोजन किया जाता है ताकि वे बंदी जो अपने खर्च पर अधिवक्ता रखने में असमर्थ हैं, उन्हें नि:शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जा सके। ऐसे बंदियों के मामलों की नियमित मॉनिटरिंग भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से की जाती है।

कारा में नियुक्त पारा लीगल वॉलंटियर्स को निर्देशित किया गया कि वे आम बंदियों के बीच सतत संपर्क बनाए रखें, उन्हें उनके अधिकारों की जानकारी दें और यदि कोई बंदी नि:शुल्क अधिवक्ता की मांग करता है तो उसका आवेदन तुरंत कारा प्रशासन के माध्यम से प्राधिकरण को भेजा जाए। इस दौरान डॉ. आर. पी. दास द्वारा बंदियों का मेडिकल हेल्थ चेकअप भी किया गया। बंदियों के स्वास्थ्य की जांच के साथ-साथ आवश्यक चिकित्सा परामर्श भी दिया गया।नजमुल हसन ने बताया कि जो भी मामले जेल अदालत में प्रस्तुत हुए, उनकी पूरी जानकारी संबंधित न्यायालयों को भेजी गई है ताकि त्वरित न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके।कार्यक्रम की सफलता में जेल प्रशासन, पीएलवी और जेल कर्मियों का योगदान सराहनीय रहा।

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