
गिरिडीह में प्रशासन के हस्तक्षेप से रूका नाबालिगों का निकाह
जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन की पहल पर कार्रवाई, अभिभावकों से लिया गया अंडरटेकिंग, उल्लंघन पर होगी कानूनी कार्रवाई
डीजे न्यूज, गिरिडीह : गिरिडीह सदर प्रखंड के बुढ़िया खाद इलाके में एक नाबालिग जोड़े का निकाह रोके जाने का मामला सामने आया है। बाल संरक्षण संस्था जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन की सक्रियता और प्रशासन के त्वरित हस्तक्षेप से यह विवाह रोका गया। इस दौरान लड़के और लड़की के अभिभावकों से बाल विवाह न करने का अंडरटेकिंग भी लिया गया।
गिरिडीह जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत बुढ़िया खाद इलाके में एक नाबालिग जोड़े का निकाह होने की सूचना वनवासी विकास आश्रम से जुड़े बाल अधिकार कार्यकर्ता सुरेश कुमार शक्ति को मोबाइल के माध्यम से मिली। मामले की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने तत्काल प्रखंड विकास पदाधिकारी सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी पंकज रजक को लिखित सूचना दी और निकाह को रोकवाने का अनुरोध किया। बीडीओ ने मामले की सूचना मुफस्सिल थाना प्रभारी को देते हुए त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद एएसआई प्रिनन कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम गांव पहुंची, जिसमें हीरालाल दास, पंकज कुमार मंडल, आशीष चौबे, निधि कुमारी, रीता कुमारी, चमेली कुमारी शामिल थे। इस टीम के साथ वनवासी विकास आश्रम की समुदाय स्तरीय कार्यकर्ता रूपा कुमारी भी मौजूद थीं। पुलिस की तत्परता से समय रहते निकाह को रोका गया। इसके बाद दोनों पक्षों के अभिभावकों को थाना बुलाया गया, जहां बाल कल्याण समिति के सदस्यों की उपस्थिति में एक अंडरटेकिंग लिया गया। अंडरटेकिंग में स्पष्ट किया गया कि यदि लड़का 21 वर्ष और लड़की 18 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले उनका विवाह कराया गया, तो बाल विवाह निषेध अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि प्राप्त जानकारी के अनुसार लड़का और लड़की दोनों ही नाबालिग हैं।
इस संबंध में सुरेश कुमार शक्ति ने बताया कि जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क है, जो भारत के संविधान और बाल संरक्षण कानूनों के अनुरूप बच्चों के अधिकारों की रक्षा और अपराधों की रोकथाम के लिए कार्य करता है।