
सेल जीतपुर कोलियरी की भूमिगत खदान पर लटका ताला, कंपनी ने पूर्णतः बंद की घोषणा किया, टाटा जामाडोबा कोलियरी के बंद होने का असर जीतपुर कोलियरी पर पड़ा, जीतपुर कोलियरी में लगातार बढ़ने लगा जलस्तर
डीजे न्यूज, झरिया (धनबाद):
109 वर्ष पुरानी सेल की जीतपुर कोलियरी की भूमिगत खदान को सुरक्षा के दृष्टिकोण से पूर्णतः बंद कर दिया गया। मंगलवार को दंडाधिकारी,भारी पुलिस बल की मौजूदगी में प्रबंधन ने कोलियरी के मेन गेट पर ताला मार दिया।
टाटा की जामाडोबा 6/7 पिट्स एवं 2 पिट्स कोलियरी में पानी भर जाने के कारण टाटा स्टील ने पूर्व में ही उक्त दोनों कोलियरी को बंद कर दिया था। परिणामस्वरूप पानी का रिसाव तेजी से जीतपुर कोलियरी की ओर होने लगा था। इस दौरान डीजीएमएस व सिंफर के आदेश पर सेल के निदेशक ने 1916 में स्थापित जीतपुर कोलियरी में 23 अप्रैल 2024 से मजदूरों को नही भेजने का निर्देश दिया था। इमरजेंसी सेवा बहाल थी, जिसे मंगलवार को पूर्णतः बंद कर दिया गया।
दंडाधिकारी के रूप में नंद किशोर मंडल, विपिन पाठक, मनोज दास की मौजूदगी में महाप्रबंधक मनीष कुमार ने नोटिस चिपकाकर सम्पूर्ण बंदी की घोषणा कर दी। आज से एक भी मजदूर खदान नही जायेगे। पम्पिंग के लिए 12 मजदूर जाते थे, अब वह भी नही जाएंगे। जबकि कोलियरी में कार्यरत 145 सेल कर्मी पर तबादले की तलवार लटक रही है।
स्टील ग्रेड के कोयले का उत्पादन होता था
कोलियरी प्रबंधक राघवेंद्र कुमार ने बताया कि 1916 में कोलियरी की स्थापना हुई थी। 1920 से कोयले का उत्पादन शुरू हो गया था।कोलियरी में आठ से नौ हजार मजदूर कार्य करते थे। 1977 में जीतपुर से मासिक 35 से 40 टन कोयला उत्पादन कर राष्ट्र को समर्पित किया जाता था। इस कोलियरी पूरे एशिया महादेश में आधुनिक माइंस की श्रेणी में गिनती की जाती थी।
कई घटनाओं का गवाह है जीतपुर कोलियरी
1973 में खान दुर्घटना के दौरान 48 मजदूरों ने अपनी जान गंवाई थी। वहीं 2007 में छाई विस्फोट के बाद आग लग ग ई थी। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नही हुआ था। उस वक्त छह माह के लिए कोलियरी को बंद कर दिया गया था।
जामाडोबा 6/7 पिट व 2 पिट के बंद होने का पड़ा असर
जीतपुर कोलियरी के मजदूरों ने कहा कि जामाडोबा कोलियरी को कंपनी ने बंद कर दिया। वही पानी की निकासी कार्य भी बंद कर दिया गया। निचले स्तर पर अवस्थित जीतपुर कोलियरी में पानी का रिसाव होने लगा। इसके पश्चात कोलियरी का दौरा करने डीजीएमएस व सिंफर के अधिकारी क ई बार आए और जांच की। सेल के निदेशक से वार्ता कर तय किया गया कि मजदूरों की जानमाल की सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोलियरी को पूर्णतः बंद कर दिया जाना चाहिए।
जीतपुर कोलियरी बंद होना दुर्भाग्यपूर्ण: जीएम
जीएम मनीष कुमार ने बताया कि सहायक प्रबंधक से लेकर महाप्रबंधक तक का सफर जीतपुर कोलयरी में ही तय किया। सेल ने सोमवार को महाप्रबंधक बनाया और मंगलवार को ही कोलयरी को बंद कर दिया गया। जिससे मजदूरों एवं अधिकारियों में मयूषी छा ग ई है।
संयुक्त मोर्चा ने दिया धरना
जीतपुर कोलियरी के संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने सेल प्रबंधन के खिलाफ धरना देते हुए कहा कि बिना किसी सूचना के कोलियरी को बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है। कोलियरी बंद होने से मजदूरों में स्थानांतरण का खतरा मंडरा रहा है। कोलियरी को चालू करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल जल्द वरीय अधिकारियों से भेंट करेगा। धरना में सचिन सिंह, विकास सिंह, अमरजीत पासवान, प्रह्लाद दुबे, रमन मिश्रा, मो इस्लाम आदि थे।
टाटा स्टील ने किया इंकार
टाटा स्टील के अधिकारी ने कहा कि 3 वर्ष से टाटा कोलियरी बंद है। टाटा कंपनी की कोलियरी में भी अन्य कोलियरी से पानी आता है। पहले पंपिग किया जाता था जो अब नहीं किया जा सकता है। कंपनी ने डीजीएमएस के माध्यम से सेल के साथ क ई बार बैठक कर कहा था कि सेल अपने यहा पंपिंग की क्षमता बढ़ाएं। इसमें टाटा स्टील भी सहयोग करेगी, लेकिन ऎसा नहीं किया गया। जिसके चलते सेल जीतपुर में पानी भर रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से बंद करने पड़े हैं।