यज्ञ-हवन वैदिक और वैज्ञानिक रूप से मान्य, समाज का कल्याण :डॉ. विनोद
डीजे न्यूज, गिरिडीह : मंगरोडीह में चल रहे रामचरित मानस यज्ञ और भगवान हनुमान की प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा पूजन में बह रही है भक्ति की बयार। प्रतिदिन हजारों भक्त भगवान श्री राम के लंका विजय समेत अन्य प्रसंगों को सुनकर लाभ उठा रहे हैं। पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया।यज्ञाचार्य डॉ बिनोद कुमार उपाध्याय ने पूजन विधि के बारे में बताया।पंचदिवसीय श्री रामचरित मानस महायज्ञ सह हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अपने सम्बोधन में डॉ उपाध्याय ने कहा यज्ञ व हवन करने से एवं यज्ञ कार्य में किसी भी रूप में सहयोग करने से व्यक्ति का व्यक्तिगत कल्याण होने के साथ समस्त समाज एवं राष्ट्र का कल्याण होता है। अपेक्षित उन्नति होती है। यज्ञ कार्य में जो आहुति हवन द्वारा दी जाती है,उससे निकलने वाले मंत्र अभिषिक्त धुंआ के प्रभाव से सकारत्मकता का संचार होता है। यह वैदिक एवं वैज्ञानिक दोनों रूप से प्रमाणित है l उन्होंने गीता का श्लोक बोलते हुए यह बताया कि यज्ञ के शुभ प्रभाव से समस्त अनिष्ट का निवारण होता है एवं सूखा नहीं पड़ता है। अच्छी बारिश होती है, जिससे प्राणदायिनी वायु शुद्ध होती है एवं प्रचुर अन्न की उपजता होती है। मंगरोडीह के समस्त ग्रामवासी सनातन धर्म के रक्षक हैं एवं धर्म कार्य तथा लोककल्याण के सभी कार्यों में सदैव तत्पर रहते हैं। गौरतलब है कि पाँच दिन से चल रहे इस महायज्ञ में वाराणसी, अयोध्याधाम, देवघर से विशिष्ट विद्वान गण पधारे हुए हैं।प्रतिदिन हजारों श्रद्धांलुओं को दोपहर एवं रात्रि में महाप्रसाद दिया जा रहा है। यज्ञ समापन के दिन जागरण एवं महाभंडारा का आयोजन किया गया है जिसमें आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था है। इस महायज्ञ को सफल बनाने में समस्त ग्रामवासी पूरे मनोयोग से प्रतिदिन सहयोग कर रहे हैं l