स्वतंत्रता संग्राम व संविधान निर्माण में योगदान से राजेंद्र प्रसाद बने देशरत्न
डीजे न्यूज, गिरिडीह :देश को गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए लड़े गए स्वतंत्रता संग्राम में डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अहम भूमिका निभाई थी।साथ ही आज़ादी के बाद देश के संविधान निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दिया था। इस कारण उन्हें देश रत्न की उपाधि दी गई थी। ये बाते जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव चुन्नुकांत ने कही। जिला अधिवक्ता संघ ने शनिवार को डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था। संघ भवन के डॉ राजेंद्र प्रसाद ई लाइब्रेरी में हुए परिचर्चा में चुन्नुकांत ने कहा कि बचपन से मेघावी रहे डॉ राजेंद्र प्रसाद अपनी प्रतिभा के बल पर देश के सर्वोच्च पद प्राप्त किए थे। संघ के उपाध्यक्ष बालगोविन्द साहू ने कहा संविधान निर्माण में डॉ राजेंद्र प्रसाद के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उच्च पद प्राप्त करने के बाद भी वे एक साधारण नागरिक की जीवन जीने में विश्वास रखते थे।अधिवक्ता सतीश कुंदन ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बचपन में काफी समय तक वे ठीक से बोल नही पाते थे। उनकी मां को चिंता होती थी कि ये कैसे बोल पाएगा। जब वे बोलना शुरू किए तो पूरा विश्व उनको सुनने लगा। एक स्वतंत्रता सेनानी, देश के प्रथम राष्ट्रपति के साथ उच्च कोटि के अधिवक्ता थे। उन्होंने देश के बड़े न्यायालय के साथ इंग्लैंड के न्यायालय में भी कानून को परिभाषित किया। उनके लड़े गए मुकदमे आज उदाहरण दिए जाते हैं।अधिवक्ता शिवाजी सिंह ने भी संबोधित किया। इस दौरान अधिवक्ता बिजय कुमार सिन्हा, दीपक कुमार,एके सिन्हा, शिवेंद्र कुमार,बिपिन यादव अमित कुमार सिन्हा,शम्भूनाथ सहाय,सूरज नयन,शेर अली,अहमद अंसारी,बिनय बक्सी,रमेश तिवारी,गीतेश चंद्रा, गौरीशंकर सहाय,अमित,समशूल होदा समेत कई अधिवक्ता मौजूद थे।
अखिल भारतीय कयस्थ्य महासभा ने मनाई जयंती
देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के जयंती पर अखिल भारतीय कयस्थ्य महासभा ने कार्यक्रम आयोजित किया।शहर के अरगाघाट स्थित कार्यालय में उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित किया गया।अध्यक्ष बिनय बक्सी,महासचिव संजीवनाथ सहाय,सतीश कुंदन,रितेश कुमार,राजेश सिन्हा, टिंकू,सिन्हा समेत कई लोग मौजूद थे।