वन विभाग ने ढाया निर्माणाधीन घर, साॅशल मीडिया पर हो रही घटना की निंदा
डीजेन्यूज डेस्क : विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन में शुक्रवार को वन विभाग की टीम ने वन विभाग का जमीन बताकर वर्षों से रह रहे एक दिव्यांग वृद्धा सहित अन्य दो लोगों के आशियाने को उजाड़ दिया।घटना शुक्रवार सुबह की है।रेंजर एसके रवि के नेतृत्व में मधुबन थाना के सहयोग से यह कार्रवाई हुई। इस कार्रवाई के बाद से ही साॅशल मीडिया पर इस घटना की खूब निंदा हो रही हैं। वहीं वन विभाग पर तरह तरह के आरोप लग रहे हैं।खुद झामुमों के नेता भी इससे दुखी दिखे। इस घटना के बाद से बाद से मधुबन के स्थानीय लोगों में खूब आक्रोश दिख रहा है।
बताते चलें कि पारसनाथ की तलहटी पर बसे लगभग 35 घरों के लोगों की जमीन को वन विभाग अपना बता रहा है जबकि बीस पंथी कोठी मधुबन व पीरटांड़ अंचल अपना बता रहा है।इसे लेकर अंचल की तरफ से वहां के लोगो को नोटिस भी दिया गया था।बताया यह भी गया कि इस जमीन पर कब्जे को ले वन विभाग बीस पंथी कोठी का मामला न्यायालय में लंबित भी है।
जबकि इस जमीन में कई पीढ़ियों से लगभग 35 लोग मकान बनाकर रह रहे हैं।हाल के दिनों में तीन परिवार को पीएम आवास आवंटित हुआ।जिसमें एक व्यक्ति का आवास प्रखंड से रोकवा दिया गया जबकि अन्य दो लोगों के आवास को स्वीकृति दे दी गई।
लाचारी और तंगी में जी रहे दिव्यांग वृद्धा बुधनी देवी को भी आवास मिलाजो आंख से देख नही सकती। दिव्यांग बुधनी देवी का मकान छत लेबल तक कार्य हुआ था।जबकि एक अन्य महिला के आवास की ढलाई एक दिन पूर्व ही हुई थी।इसकी जानकारी वन विभाग को लग गई।वन विभाग ने मधुबन थाना के सहयोग से जेसीबी से सभी निर्माणाधीन पीएम आवास को ढाह दिया।
पूरे मधुबन में आक्रोश है।
लोगों का कहना है कि मधुबन में कई संस्थाओं ने वन विभाग की जमीन को अतिक्रमण किया है।लगातार वन विभाग की जमीन को कब्जा किया जा रहा है।जबकि वन विभाग कुम्भकर्णी नींद में सोई है।लेकिन जब वर्षों से रह रहे एक निहायत ही गरीब परिवार को आवास मिला तो बिना किसी नोटिस के निर्माणाधीन आशियाने को तीतर बितर कर दिया गया।खास संस्था के इशारे पर गरीबों के आशियाने को उजाड़ने का प्रयास किया जा रहा प्रयास।
इधर समाजिक कार्यकर्ताओं झारखंड मुक्ति मोर्चा, भाजपा, आजसू सभी दलों के स्थानीय नेताओं ने इस मामले की कड़ी निंदा किया है।बिना किसी पूर्व के नोटिस दिए वगैर किसी खास संस्था के इशारे पर तीन पीढ़ियों से रह रहे मकानों को उजाड़ने पर लोगों में आक्रोश है। झामुमो के अमित चंद्रवंशी सहित दर्जनों लोगों ने इस मामले में शोशल मीडिया पर खूब निंदा की।
अतिक्रमित भूमि पर की गई कार्रवाई : रेंजर
रेंजर एसके रवि ने कहा कि जिस जमीन पर कार्रवाई हुई है आज जगंल की जमीन है।बार बार मना करने के बाद भी काम जारी रहा इसी कारण घर तोड़ने की कार्रवाई हुई है।जैन संस्थाओं द्वारा किये गए कब्जे के बाबत कहा कि जानकारी नही है।जानकारी मिलने के बाद कार्रवाई होगी।
वन विभाग ने की है कार्रवाई: .सीओ
पीरटांड़ सीओ विनय प्रकाश तिग्गा ने कहा कि मधुबन में वन भूमि पर हुए अतिक्रमित भूमि पर कार्रवाई हुई है ।पहले नोटिस मेरे तरह से किया गया था।बाद में पता चला कि वह जंगल जमीन है।