50 दिनों बाद सऊदी अरब से पहुंचा मजदूर का शव, बंदखारो में पसरा मातम

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50 दिनों बाद सऊदी अरब से पहुंचा मजदूर का शव, बंदखारो में पसरा मातम
मोबाइल पर बात करते वक्त चक्कर खाकर गिरा था छत से, पत्नी और बच्चों पर टूटा दुखों का पहाड़
डीजे न्यूज, विष्णुगढ़ (हजारीबाग) : सऊदी अरब में काम के दौरान मौत के शिकार हुए विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत जोबर पंचायत के बंदखारो निवासी धनंजय महतो (32) का शव लगभग 50 दिनों बाद रविवार को रांची एयरपोर्ट पहुंचा। शव को देखते ही परिजनों के आंसू थम नहीं सके और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
परिजनों ने बताया कि धनंजय महतो करीब एक वर्ष पूर्व बेहतर कमाई की उम्मीद में सऊदी अरब गए थे, जहाँ वे एलएंडटी कंपनी के ट्रांसमिशन लाइन प्रोजेक्ट में हेल्पर के रूप में कार्यरत थे। बताया जाता है कि काम के बाद वे ताबुक शर्मा रोड स्थित तमामी कैंप की बालकनी में मोबाइल पर बात कर रहे थे, तभी अचानक चक्कर खाकर नीचे गिर पड़े। इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
धनंजय अपने पीछे पत्नी गीतांजलि देवी और दो पुत्र — संजय कुमार व सुनील कुमार को छोड़ गए हैं। पति की मौत के बाद गीतांजलि देवी की हालत बेहद खराब है, और मासूम बच्चों की आँखों में पिता की एक झलक के लिए टकटकी सी बंध गई है।
शव को लेने रांची एयरपोर्ट पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा:
“हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जैसे जिलों से बड़ी संख्या में श्रमिक देश-विदेश में काम करते हैं। जब ऐसे किसी श्रमिक की मौत होती है, तो शव लाने की प्रक्रिया और मुआवजे की व्यवस्था परिवारों के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाती है। यह दुःखद स्थिति बार-बार सामने आ रही है।”
उन्होंने सरकार से अपील की कि वह ऐसी कंपनियों पर सख्ती से यह नियम लागू करे कि श्रमिक की मौत की स्थिति में उन्हें मुआवजा देना अनिवार्य हो।
“अगर यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, तो अनगिनत गरीब परिवारों को कुछ राहत मिल सकती है,” — उन्होंने कहा।
धनंजय की असमय मौत ने एक और प्रवासी परिवार की उम्मीदों को तोड़ दिया, और एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि देश की अर्थव्यवस्था चलाने वाले प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए ठोस कदम कब उठाए जाएंगे।

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