राम मंदिर, स्वर्ण मंदिर, मक्का-मदीना और वेटिकन सिटी से कम नहीं हैं आदिवासियों के लिए मरांग बुरू : सालखन

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डीजे न्यूज, जामताड़ा : मरांग बुरू पारसनाथ पहाड़ को आदिवासी को सौंपने व सरना धर्म कोड जल्द लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान आदिवासी बहुल 50 जिलों में 11 फरवरी से रेल-रोड चक्का जाम करेगा। इससे पूर्व सोमवार से झारखंड, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, असम के लगभग 50 जिले मुख्यालयों में मरांग बुरू को बचाने के लिए और सरना धर्म कोड को 2023 में हर हाल में लेने के लिए मशाल जुलूस निकाला जाएगा। यह जानकारी आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने जामताड़ा में रविवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी।

पूर्व सांसद सालखन मुर्मू की पत्नी सुमित्रा मुर्मू ने बताया कि उनके नेतृत्व में जारी यह यात्रा 17 जनवरी को जमशेदपुर से प्रारंभ होकर विभिन्न जिलों का दौरा करते हुए 11 वें दिन तक जारी है। 12वें दिन जामताड़ा के नाला प्रखंड में जन जागरण सभा के बाद 30 को पुरुलिया जिला (बंगाल), 31 को दुमका जिला के मसलिया और एक को पाकुड़ के महेशपुर दो को साहिबगंज के बरहड़वा और इसके बाद गोड्डा के विभिन्न प्रखंडों में यह अभियान चलाया जाएगा। सात फरवरी को चाईबासा के पिलाई हाल में मरांग बुरू बचाओ यात्रा जन सभा का आयोजन किया जाएगा।

यात्रा 28 फरवरी तक जारी रहेगी। भारत यात्रा देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी बहुल जिलों में जिलेवार जनसभा करेगा, जनता को जागरूक करेगा। भारत यात्रा के दौरान मरांग बुरू बचाने और हर हाल में सरना धर्म कोड की मान्यता लेना, कुर्मी को एसटी बनाने वालों का विरोध करना, असम व अंडमान के झारखंडी आदिवासियों को एसटी बनाना, झारखंड में प्रखंडवार नियोजन नीति लागू करना, देश के सभी पहाड़ पर्वतों को आदिवासियों को सौंपने की मांग करना, आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में जनतांत्रिक और संवैधानिक सुधार लाना आदि मुद्दों पर प्रकाश डाला जाएगा।

मरांग बुरू (पारसनाथ) पर पहला अधिकार आदिवासियों का

सालखन मुर्मू ने बताया कि 14 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र प्रेषित कर इन विषयों की जानकारी दी गई है। सेंगेल का संकल्प है कि मारंग बुरू को हर हाल में लेना है। कहा मरांग बुरू यानि पारसनाथ पहाड़ पर पहला अधिकार हम आदिवासियों का है। यह हमारे लिए राम मंदिर, स्वर्ण मंदिर, मक्का मदीना और वेटिकन सिटी से कम नहीं है।

सालखन ने सोरेन परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम आदिवासियों का दुर्भाग्य है कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासियों के ईश्वर मरांग बुरू को एक नोटिफिकेशन के द्वारा जैनों को सौंपने का काम किया है। आदिवासी गांव तालझारी, ललमटिया थाना, गोड्डा जिला, झारखंड के आदिवासी ग्रामीणों की जमीन को बुलडोजर लगाकर जबरदस्त छीना जा रहा है। ग्रामीणों को पीटा जा रहा है। डराया जा रहा है, बेवजह फर्जी मुकदमों में घसीटा जा रहा है और वहां के स्थानीय जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम, सांसद विजय हंसदा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुप हैं। यह सभी परिदृश्य दर्शाते हैं कि झामुमो के नेता आदिवासी विरोधी हैं। खातियानी जोहार यात्रा के नाम से जनता को ठगने का काम कर रहे हैं। आदिवासी सेंगेल अभियान जेएमएम और उनके सभी सहयोगियों को बेपर्दा करके रहेगा। क्योंकि किसी भी पार्टी, संगठन और नेता से बड़े हैं आदिवासी समाज के लोग और हमारे आराध्य मरांग बुरु। जिसके साथ धोखेबाजी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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