एक बार फिर नहीं बजेगी शहनाई, शुभ कार्यों पर लगेगा ब्रेक

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दीपक मिश्रा : एक बार फिर 53 दिन शहनाई नहीं बजेगी। ऐसा देवगुरू बृहस्पति के अस्त होने, होलाष्टक और सूर्य के मीन राशि में आने के बाद लगने वाला खरमास के कारण होगा। फिलहाल विवाह के लिए 22 फरवरी से 16 अप्रैल तक कोई मुहूर्त नहीं है। इस दौरान लोग अन्य शुभ कार्यों को भी संपादित करने से परहेज करेंगे।
बताया जाता है कि बृहस्पति 22 फरवरी मंगलवार को दिन में 4 बजे पश्चिम दिशा में अस्त हो जायेंगे। 22 फरवरी से 20 मार्च तक अस्त रहेंगे। देव गुरू बृहस्पति के अस्त होते ही विवाहादि शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त भी स्थगित हो जायेंगे। इस बीच 10 मार्च से आठ दिनी होलाष्टक और 14 मार्च से 14 अप्रैल तक खरमासमास रहेगा। 14 मार्च सोमवार को मीन राशि की सूर्य संक्रांति रात 02ः10 बजे होगी और इसी के साथ खरमास प्रारंभ हो जायेगा। 17 अप्रैल से दोबारा वैवाहिक आयोजनों की शुरूआत होगी। अप्रैल में छह, मई में 9, जून में 5 और जुलाई में 4 मुहूर्त होंगे। 10 जुलाई से चातुर्मास शुरू हो जायेगा। इसके चलते चार माह के लिए मांगलिक आयोजनों पर विराम लग जाएगा। चातुर्मास में सभी मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं क्योंकि मान्यता है कि इस समय भगवान विष्णु शयन कर रहे होते है।

गुरू को संपन्नता, विवाह, वैभव और धार्मिेक कार्यों का कारक माना जाता है। ये धनु और मीन राशि के स्वामी है। ये कर्क में उच्च और मकर में नीच के होते हैं। विवाह में गुरू का उदय स्थिति में होना आवश्यक माना जाता है।

आइये जानते हैं किस माह कब है विवाह मुहूर्त
अप्रैल – 19, 20, 21, 22, 23, 27
मई – 1, 3, 4, 9, 11, 12, 20, 26, 31
जून – 6, 8, 11, 14, 21
जुलाई – 3, 4, 6, 8

 

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