समन्वय के साथ एक्टिव मोड में कार्य करें अधिकारी : उपायुक्त

0

डीजे न्यूज, गिरिडीह : शनिवार को डीआरडीए सभागार कक्ष में उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में स्वच्छता पखवाड़ा कार्यशाला आयोजित किया गया। इस SBM-G, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग अंतर्गत ग्राम स्तरों पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन का विभिन्न प्रकार के संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। यथा गोबरगैस संयंत्र, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन ईकाई, मलीय कचरा प्रबंधन ईकाई, माहवारी स्वच्छता प्रबंधन ईकाई इत्यादि का कार्य SBM- G. 15वीं वित ( पंचायतीराज ) एवं मनरेगा आदि के कार्य किए जायेंगे।

उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए एक्टिव मोड में कार्य करने का निर्देश दिया

इस दौरान उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय कंस्ट्रक्शन में अभी कुछ कार्य शेष रह गए हैं जिनको जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इस दौरान उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए एक्टिव मोड में कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता पखवाड़ा के सफल क्रियान्वयन को लेकर जो भी जरूरी कदम है उठाएं। इसके अलावा उन्होंने SBM फेज 2 के तहत एक्शन प्लान भी तैयार करें। साथ ही ग्राम सभा का आयोजन करते हुए हर घर में जल से संबंधित सर्टिफिकेशन प्राप्त करना है। इसके साथ ही ओडीएफ प्लस का वेरिफिकेशन करना है। इसके अलावा उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि भीषण गर्मी को देखते हुए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करें ताकि किसी को भी पेयजल से संबंधित समस्या ना हो। जहां भी चापाकल मरम्मत का कार्य शेष रह गया है उसे त्वरित दुरुस्त करें।

इस दौरान उप विकास आयुक्त शशि भूषण मेहरा ने जिला स्तरीय कार्यशाला में अभियान से संबंधी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले में ग्राम स्तर पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन, जल संरक्षण, पेयजल का उचित उपयोग, पेयजल की गुणवत्ता परीक्षण के संदर्भ में आमजनों को एक पखवाड़ा तक जागरूक किया जाएगा। वहीं स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत पेयजल स्वच्छता विभाग के साथ-साथ मनरेगा एवं 15वें वित्त के माध्यम से आवश्यकतानुसार विभिन्न प्रकार की संरचना आदि का निर्माण किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को भागीदार बनाकर उन्हें जागरूक करना, पेयजल एवं स्वच्छता के लिए निर्मित आधारभूत संरचनाओं को निरंतर क्रियाशील रखने एवं लोगों को व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि 15 दिनों तक चलने वाले अभियान के विभिन्न गतिविधियों के क्रम में खासकर स्कूली बच्चों एवं विशेष कर छह मई को व्यावसायिक स्थलों, सड़क किनारे लगने वाली दुकानों या प्रतिष्ठानों में प्लास्टिक के थैले, थर्मोकॉल आदि के बारे में ड्राइव चलाकर विशेष रूप से जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा।

इसके अलावा निदेशक डीआरडीए ने कहा कि वॉटर बॉडीज पोल्यूटेड हो रहे हैं। इसलिए इसका बचाव करना अति आवश्यक है, लोगों को जागरूक करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शौचालयों का उपयोग किया जाय तथा जीवन में अच्छी आदतों को अपनाना होगा। जिसके कि हम लोग पर्यावरण और जल को सुरक्षित एवं संरक्षित रख सकेंगे।

ग्राम स्तर पर चलने वाले अभियान की रूपरेखा निर्धारित

मौके पर अभियान के रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया गया. इस क्रम में दो मई को प्रखंड स्तरीय कार्यशाला आयोजित होंगे। जिसमें संबंधित विभागों के अलावा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं, पंचायती राज प्रतिनिधि, जलसहिया के साथ चर्चा-परिचर्चा, तीन मई को जिला, प्रखंड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर श्रमदान कर अपशिष्ट पदार्थों का संग्रण व पृथकीकरण, जल स्रोतों की साफ-सफाई, वृक्षारोपण आदि कार्यक्रम होंगे. इसमें सरकारी पदाधिकारी, कर्मियों के अलावा जनप्रतिनिधि, बुद्धिजीवी सहित आमजन की भागीदारी होगी। वहीं 4 मई को ग्राम व पंचायत स्तर पर रात्रि चौपाल का आयोजन कर योजना प्रस्ताव का चयन, 5-10 मई तक बनाई गई योजना के मद्देनजर में ग्राम स्तर पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिए विभिन्न संरचना निर्माण कार्य, फिर 11 मई को विशेष ग्राम सभा का आयोजन कर निर्मित संरचनाओं एवं कचरा प्रबंधन को स्थायित्व प्रदान पर विशेष चर्चा-परिचर्चा, आवश्यकतानुसार नए शौचालय निर्माण के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया करनी है।

डीआरडीए सभागार कक्ष में मुख्य रूप से उपरोक्त के अलावा जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल 1&2, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी कनीय अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, गिरिडीह जिला समेत अन्य संबंधित/कर्मी अधिकारी उपस्थित थे।

इस खबर को शेयर करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *