राजभाषा के साथ हिंदी है जनभाषा : आंनद

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : राजभाषा-प्रकोष्ठ ने त्रैमासिक हिंदी कार्यशाला का आयोजन सांख्यिकी विभाग में किया। कार्यशाला में विभाग के उप-निदेशक सह नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष मनीष आनन्द ने अध्यक्षता करते हुए हिंदी को समेकित विकास एवं प्रभावी प्रसार पर विशेष रूप जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी राजभाषा सहित जनभाषा भी है। हम सभी को इसको राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रत्येक अवसर पर इसका अधिकाधिक प्रयोग करने की आवश्यकता है।केंद्र-सरकार के राजभाषा उन्नति के विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं की प्रशंसा करते हुए आनन्द ने अपना वक्तव्य रखा। इस अवसर पर मुख्य-प्रशिक्षक सह एलआईसी के राजभाषा अधिकारी राजेश कुमार उपाध्याय ने हिंदी को जनभाषा के बारे में बताया। राजभाषा के कार्यालय में प्रयोग के विभिन्न अधिनियमों का प्रभावी विश्लेषण करते हुए और राजभाषा के विभिन्न पहलुओं का उल्लेख करते हुए प्रशिक्षण दिया। राजभाषा प्रशिक्षण के सत्र के दौरान हिंदी के व्याकरण एवं छंद शास्त्र की भी जानकारी दिया गया। उपस्थित सभी लोगों से हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग करने का आह्वान किया।
दो सत्रों में सम्पन्न इस प्रशिक्षण सत्र में अमर कुमार सिन्हा ने भी अपना वक्तव्य रखा।उन्होंने कार्यालय-पद्धति में प्रयोग किये जाने वाले विभिन्न नियमों के बारे में जानकारी दी। समझाया कि इसका अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
और भी साथी सदस्यों ने हिंदी के प्रति अपने-अपने विचार रखे एवं काव्यपाठ भी किया ।श्री शरण ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर कन्हैया कुमार,गोविंद जायसवाल, किशोर प्रसाद ,रामलाल राम,अमित कुमार, मनोहर कुमार मुकुल जी सहित कई लोग उपस्थित थे।

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