धनबाद के शिक्षकों ने डीएसई के खिलाफ फूंका उलगुलान का बिगुल

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डीजे न्यूज, धनबाद : हूल दिवस के अवसर पर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ धनबाद जिला कमेटी की बैठक जिला स्कूल में जिलाध्यक्ष संजय कुमार की अध्यक्षता में हुई। बैठक की शुरुआत में संथाल आंदोलन के नायकों के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए अन्याय एवं अत्याचार के विरुद्ध उल्गुलान का शंखनाद किया गया। बैठक में सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रदत अधिकार का प्रयोग कर विभागीय अधिकारियों की भयभीत करने की मंशा का मुंहतोड़ जबाव दिया जाएगा। बैठक में कहा गया कि नई वित्तीय प्रवाह प्रणाली PFMS पोर्टल पर भाऊचर अपलोड करने एवं उसको जांचोपरांत पास करने में बीआरसीसी एवं लेखापाल की शिथिलता के कारण राशि लैप्स हुआ, लेकिन विभागीय पदाधिकारियों के द्वारा उनको बचाने के आड़ में प्रभारी प्रधानाध्यापक व प्रधान शिक्षक को बलि का बकरा बनाने का साजिश किया जा रहा है। संगठन के द्वारा नए वित्तीय प्रवाह प्रणाली के बारे में शिक्षकों को दक्ष एवं कुशल बनाने, मार्च महीने में पैसे की निकासी के पूर्व के अनुभव के आधार पर जिला शिक्षा अधीक्षक एवं प्रखण्ड के पदाधिकारियों को विपत्र पारित होने की स्थिति की समीक्षा करने हेतु कई बार अवगत कराया गया।हमेशा यह कहा गया कि समय से सभी प्रकार की राशि की निकासी हो जायेगी। किसी प्रकार की राशि लैप्स नहीं होगी।गौरतलब बात यह भी है मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में सभी प्रखण्ड के लेखापाल अपने घर में ही आवासीय कार्यालय से अपने कार्य का निष्पादन कर रहे थे, जो जांच का विषय है। किसी किसी प्रखण्ड में एक ही भेंडर का विपत्र पारित होना कहीं न कहीं भ्रष्टाचार का संकेत देने के लिए काफी है। अप्रैल 2022 के प्रथम कारण पृच्छा में हजारों शिक्षकों पर राशि लैप्स होने का ठीकरा फोड़ते हुए जवाब मांगा गया था।सभी शिक्षकों ने अपने जवाब ससमय जमा किया।अब पुनः हजारों शिक्षकों में से पिक एंड चूज की नीति अपनाई गई। 369 विद्यालय प्रधान को द्वितीयक कारण पृच्छा किया गया।
हास्याप्रद स्थिति यह है कि अप्रैल महीने के कारण पृच्छा का आधार पोशाक की राशि निकासी न होने का आधार एवं अभी 27 जून को जिसमें 369 विद्यालय प्रधान /प्रभारी प्रधानाध्यापक को कारण पृच्छा का आधार विद्यालय का कंपोजिट ग्रांट व अन्य मद की राशि निकासी न होना बनाया गया है। इस तरह यदि विद्यालय प्रधान को प्रताड़ित किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब सभी प्रभारी प्रधानाध्यापक सामूहिक रूप से प्रभार से मुक्ति का निर्णय लेने को बाध्य होंगे। विभाग को त्वरित गति से ग्रेड 3 व 4 में प्रोन्नति देने की करवाई करनी चाहिए। इन पदों पर प्रोन्नति देने का कहीं रोक नहीं है। जब ग्रेडेशन लिस्ट RDDE से स्वीकृत है तो अनावश्यक टाल मटोल की नीति जिला शिक्षा अधीक्षक को नहीं अपनानी चाहिए। इसे लेकर शिक्षकों में नाराजगी है। जिन 14 सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया था, उसका निष्पादन ससमय नहीं होने की स्थिति में संगठन कार्यालय का घेराव व क्रमिक आंदोलन करने को बाध्य होगा।
बैठक में जिलाध्यक्ष संजय कुमार, महासचिव नंदकिशोर सिंह, प्रदेश संयुक्त सचिव अनिल कुमार, उपाध्यक्ष राजकुमार वर्मा, महामंत्री विनय रंजन तिवारी, शंभू शरण अंबष्ठ, रामस्वरूप प्रसाद, बिजेंद्र पांडेय,अशोक कुमार, कलामुद्दीन, संजीव कुमार, मदन प्रसाद नायक, सुनीता कुमारी, शशिकला राजेल, पुष्पलता,नीरु कुमारी, सावित्री कुमारी, मधु कुमारी, सफीना खातून, सुधा कुमारी, जयदास भारती, योगेंद्र कुमार, सुधीर कुमार पाण्डेय, अनिल कुमार, प्रवीण कुमार लाला, दीपक कुमार, असफाक, मुन्ना कुमार, उमेश कुमार, सजल कुमार दे, नरेंद्र कुमार, शैलेंद्र कुमार जायसवाल, नवीन कुमार राय, अजय कुमार, राजकुमार पासवान, पंकज कुमार, कमलेश यादव, पत्तरस तिर्की, संजय कुमार प्रसाद, अनिल कुमार पांडेय, महेश प्रसाद यादव, मंटून कुमार सिंह, आशुतोष कुमार मिश्रा, नवीन कुमार, श्रीकांत यादव, परवेंद्र पासवान, राजीव कुमार सिंह,संजय कुमार सिंह, नरेश प्रसाद महतो, साबिर हुसैन, राजकुमार मिस्त्री, जयप्रकाश, अशोक कुमार साहू,चंदन सरकार, निवास चंद्र मंडल,विक्रम हिमालय, इंदु किशोर सिन्हा, नुरुल हुसैन, चुन्नूलाल किस्कू, जनक लाल विश्वकर्मा, साधन कुमार झा, दिनेश कुमार पांडेय, ठाकुर प्रसाद रवानी, हरि प्रसाद हांसदा, शरण एक्का समेत सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे।

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