बरमसिया गांव में गहराया पेयजल संकट, जलमीनार बंद होने पर जताया विरोध

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डीजेन्यूज, देवघर :  सरकार के लाख दावे के बावजूद भी गर्मी के दस्तक देते ही ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने लगा है। वहीं प्रखंड मुख्यालय से सटे झिलुवा पंचायत के बरमसिया गांव के ग्रामीणों को पीने का पानी के लिए यहाँ-वहां भटकना पड़ रहा है। बताया गया कि उक्त गांव में करीब 30 घर कापड़ी परिवार के लोग निवास करते है और ग्रामीणों को पेयजल की सुविधा के लिए पंचायत स्तर से 15 वें वित्त आयोग के तहत साढ़े तीन लाख की लागत से दो हजार लीटर क्षमता वाली जल मीनार बनवाया गया था। वहीं गांव में जलमीनार बनने से गांव के लोगों को पेयजल की सुविधा भी हो रही थी। लेकिन बनने के एक महीने बाद ही जलमीनार खराब हो जाने से आज पुनः ग्रामीणों के समक्ष पेयजल संकट हो गया है। बताया कि जलमीनार को दुरुस्त कराने को लेकर कई बार ग्रामीणों ने पंचायत के मुखिया को सूचना देकर खराब पड़े जलमीनार को मरम्मत कराने की मांग भी की। लेकिन ग्रामीणों की शिकायत को नहीं सुना गया। बताया गया कि आज ग्रामीण अपनी प्यास बुझाने के लिए दूर से पानी लाने को मजबूर हैं।
क्या कहते है ग्रामीण :
ग्रामीण पप्पू कुमार कापड़ी, मंटू कापड़ी, बसंत कापड़ी, मंगल कापड़ी, हीरा कापड़ी, लल्लू कापड़ी आदि ने बताया कि पिछले एक साल से जलमीनार बंद पड़ा हुआ है। ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है ग्रामीणों का कहना था कि जिस उद्देश्य से जलमीनार का निर्माण कराया गया था वो पूरा नहीं हुआ है और निर्माण कार्य ठीकेदारी बंदरबांट की भेंट चढ़ गई है। मुखिया मीना देवी ग्रामीणों की समस्या को देखने कभी गांव भी नहीं आती है। वहीं मुखिया पति राजेन्द्र मंडल कभी कभार गांव आते हैं तो आश्वासन देकर चले जाते हैं। लेकिन समस्या का समाधान करने में तनिक भी दिलचश्पी नहीं दिखाते हैं। ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त से मामले पर संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं मुखिया से उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।

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