बाल स्वास्थ्य पोषण माह शुरू, गिरिडीह में पांच लाख बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन ए का सिरप

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : सिविल सर्जन व जिला आरसीएच पदाधिकारी ने संयुक्त रूप से आंगनबाड़ी केंद्र हुट्टी बाजार से बच्चों को विटामिन-ए का सिरप पिलाकर बाल स्वास्थ्य पोषण माह का शुभारंभ किया। इस दौरान सिविल सर्जन डा. एसपी मिश्रा ने स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों को अभियान चलाकर सभी पात्र बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने की बात कही। सिविल सर्जन ने बताया कि गिरिडीह जिले में विटामिन ए का खुराक पिलाने वाले बच्चों का लक्ष्य 4,90,968 है। इसके तहत बगोदर प्रखंड के 57,807, बेंगाबाद प्रखंड के 33,700, बिरनी प्रखंड के 34077, देवरी प्रखंड के 36,500, डुमरी प्रखंड के 36,973, गांडेय प्रखंड के 35023, गांवा प्रखंड के 27,262, जमुआ प्रखंड के 52,586, पीरटाड़ प्रखंड के 20,870, राज धनवार प्रखंड के 53,525, सदर के 56,943, तिसरी प्रखंड के 22,343, शहरी क्षेत्र के 23,409 लक्ष्य है। इस दौरान जिला कार्यक्रम प्रबंधक, एनएचएम के अलावा अन्य स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।

 

 

विटामिन ए क्या है?

 

यह छोटे बच्चों के शारीरिक विकास एवं संक्रामक रोगों से बचाव के लिए आवश्यक है। यह बच्चों में बीमारी की दर एवं मृत्यु दर को कम करता है ।

 

विटामिन-ए की कमी के कारण क्या है?

 

नवजात शिशु में स्तनपान की देर से शुरुआत।

 

दैनिक आहार में विटामिन-ए युक्त खाद्य पदार्थ यथा लाल पीले फल, हरे साग सब्जी, दूध से बने पदार्थ, यकृत, अंडा, मछली का अभाव।

 

आहार में विटामिन-ए के अवशोषण के लिए तेल/वसा की कमी।

 

आंत के आतंरिक स्तर की क्षति (दस्त/आंत्र परजीवी द्वारा) जिसके कारण विटामिन-ए का अवशोषण नहीं हो पाता है।

 

 

विटामिन-ए की कमी के लक्षण : आंखों के सफेद भाग का सूखापन, कॉर्निया का सूखापन, कॉर्निया का घाव

 

विटामिन-ए की कमी के दुष्परिणाम

रतौंधी, नेत्र संबंधी विकार, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी, संक्रमण की व्यापकता में बढ़ोतरी, गंभीर तथा लम्बे समय तक बीमारियों का बने रहना, कुपोषण और मृत्यु दर में बढ़ोतरी

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