आदिवासियों को जबरन हिंदू घोषित करना दुर्भाग्यपूर्ण : सालखन मुर्मू

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मरंग बुरू (पारसनाथ पहाड़) हम आदिवासियों का ईश्वर है।

डीजे न्यूज, जमशेदपुर : आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा है कि द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती का वक्तव्य कि आदिवासी मूल रूप से हिंदू हैं, आदिवासियों को मान्य नहीं है। यह संविधान कानून का भी उल्लंघन है। हिंदू मैरिज एक्ट -1955 और हिंदू सकसेशन एक्ट -1956 में आदिवासी शामिल नहीं हैं जबकि सिख, जैन और बौद्ध शामिल हैं। अतः जोर-जबर्दस्ती आदिवासियों को हिंदू घोषित करना और वनवासी कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। सेंगेल इसकी निंदा और विरोध करता है।

मगर सेंगेल आदिवासियों को विदेशी भाषा- संस्कृति और धर्म से बचने -बचाने का पक्षधर है। अतः हम सिख, जैन, बौद्ध की तरह अपनी आदिवासी अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी को कायम रखते हुए इस साल हर हाल में सरना धर्म कोड की मान्यता के लिए कटिबद्ध हैं। सेंगेल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा है। हम कामयाब जरूर होंगे। सेंगेल बीजेपी और आरएसएस के साथ संवाद करते हुए इस दुविधा को दूर करने की आकांक्षा है।

मरंग बुरू (पारसनाथ पहाड़) हम आदिवासियों का ईश्वर है। उसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 5 जनवरी को जैनों के हाथ लिखकर सौंपकर आदिवासियों के साथ अन्याय किया है। सेंगेल इसकी निंदा करता है। मरंग बुरू बचाओ भारत यात्रा जारी है। इसी क्रम में 31वां भारत यात्रा का पड़ाव उड़ीसा के मयूरभंज जिला में 6,7,8,9 मार्च को सघन जन जागरण किया गया। पूर्व सांसद सालखन मुर्मू और सुमित्रा मुर्मू के नेतृत्व में 9 मार्च को बारीपदा में विशाल मशाल जुलूस निकाला गया जिसमें 4 प्रदेश और ओडिशा के 7 ज़िलों के सेंगेल नेता औऱ सेंगेल माझी परगना शामिल हुए। नवीन पटनायक सरकार को चेतावनी दिया गया कि 31 मार्च 2023 तक बंगाल, झारखंड की तर्ज पर सरना धर्म कोड बिल पास करें। अन्यथा एक अप्रैल से 5 प्रदेशों में उड़ीसा सरकार का सर्वत्र पुतला दहन किया जाएगा।

मरंग बुरू के सवाल पर जैन संत प्रसन्न सागर जी के हालिया बयान का सेंगेल स्वागत करता है। उन्होंने रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कम से कम स्वीकार किया है कि मरंग बुरू पर आदिवासियों का भी अधिकार है। सेंगेल अविलंब इस मुद्दे पर बहुपक्षीय बातचीत की मांग करता है ताकि आदिवासियों के प्रथम अधिकार को स्थापित किया जा सके तथा आदिवासी विरोधी हेमंत सरकार को भी बेनकाब किया जा सके।

हेमंत सरकार को बेदखल करने की नियत से सेंगेल 5 प्रदेशों में 11 से 13 मार्च तक सर्वत्र इसका पुतला दहन करेगा। 14 मार्च को सेंगेल रांची में एक दिवसीय धरना- प्रदर्शन कर सरना धर्म कोड की मान्यता, मरंग बुरू की वापसी और प्रखंडवार नियोजन नीति के क्रियान्वयन आदि के लिए राज्यपाल, झारखंड सरकार को ज्ञापन देगा।

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