सरना धर्मकोड के लिए आदिवासियों का दिल्ली में होगा महजुटान

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : सरना धर्मकोड के लिए देशभर के आदिवासियों का दिल्ली में महजुटान होगा। इस दिन आदिवासी
जंतर मंतर दिल्ली में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन करेंगे। पूर्व सांसद एवं आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय संयोजक सालखन सोरेन ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। साथ ही जंतर-मंतर पर धरना की अनुमति मांगी है।
सोरेन ने कहा है कि आदिवासी सेंगेल अभियान एक रजिस्टर्ड ट्रस्ट है। इज झारखंड, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, असम के आदिवासी बहुल जिलों में आदिवासी सशक्तिकरण का कार्य करती है। आदिवासी सेंगेल अभियान की मांग है भारत सरकार आदिवासियों को उनकी धार्मिक पहचान- “सरना धर्म कोड” प्रदान कर जनगणना में शामिल करे। चूंकि अधिकांश आदिवासी हिंदू , मुसलमान, ईसाई आदि नहीं है। प्रकृति पूजक हैं। यद्यपि आदिवासी अपने-अपने राज्यों में अलग-अलग नामों से अपनी धार्मिक पहचान को बताते हैं। परंतु 2011 की जनगणना में सर्वाधिक संख्या लगभग 50 लाख आदिवासियों ने अन्य अन्य या एनी एदर कॉलम में सरना धर्म लिखाया था। अतः आदिवासी सेंगेल अभियान की मांग है कि भारत सरकार रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के मार्फत सरना धर्म को अविलंब मान्यता प्रदान कर जनगणना में शामिल करें।

अतएव सरना धर्म कोड की मान्यता मांग के लिए कुछ हजार आदिवासी 30 जून को जंतर मंतर, दिल्ली में धरना-प्रदर्शन अनुमति के आकांक्षी हैं। कृपया हमें अनुमति प्रदान की जाए। आदिवासी सेंगेल अभियान का एक प्रतिनिधिमंडल 30 जून को धरना प्रदर्शन के साथ देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलकर अपना ज्ञापन देंगे।

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