सरना धर्म कोड के लिए आदिवासियों ने पटना में दिखाई ताकत

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डीजे न्यूज, पटना :
पटना के गांधी मैदान में शुक्रवार को आदिवासी सेंगेल अभियान ने सरना धर्म कोड जनसभा की। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू ने की। इस जनसभा के मुख्य वक्ता पूर्व सांसद सालखन मुर्मू और विशेष वक्ता डॉ संजय पासवान एमएलसी (बिहार) थे।
जनसभा के पूर्व सालखन मुर्मू का स्वागत 5 प्रदेशों से आए करीब 10 हजार से ज्यादा आदिवासियों ने गांधी मैदान में किया। मंच में सालखन मुर्मू और डॉक्टर संजय पासवान का स्वागत किया गया। इसके बाद सेंगेल के बिहार प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू ने स्वागत भाषण देते हुए अपने विचार रखे। उसके बाद दिशोम परगना बैद्यनाथ हंसदा, केंद्रीय संयोजक सोनाराम सोरेन तथा 5 प्रदेशों के सेंगेल अध्यक्ष क्रमश: देवनारायण मुरमू झारखंड ,नरेंद्र हेंब्रोम उड़ीसा ,सोहन हेंब्रोम आसाम, पानमुनि बेसरा बंगाल के साथ वुधन मरांडी, पांडू मुर्मू और चंपा किस्कू ने भी अपने विचार रखे।
विशेष वक्ता डॉ संजय पासवान ने सालखन मुर्मू के साथ अपनी पुरानी यादों को ताजा किया, जब दोनों साथ मे सांसद थे। उन्होंने कहा कि सालखन का संताली को संविधान की आठवीं सूची में शामिल कराने में सफल नेतृत्व था। वे इस ऐतिहासिक घटना के गवाह रहे हैं। उनके ही प्रयासों के कारण अटल बिहारी वाजपेयी और एलके आडवाणी भी संताली भाषा की मुहिम को टाल न पाए। उन्होंने सालखन को ही असली सरना धर्म गुरु कहा एवं आदिवासियों के लिए अवतार की उपाधि से नवाजा। पासवान ने सालखन को भारत के आदिवासियों और उनके भविष्य के लिए बहुत ही मूल्यवान बताया। और उनके नेतृत्व में ही सरना धर्म कोड की मांग के पूरी होने का विश्वास प्रकट किया। सभा को संबोधित करते हुए सालखन मुर्मू ने कहा – जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हमारे बीच से हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदिवासी मामलों पर ऐतिहासिक पहल किया है तो हमें पूर्ण विश्वास है कि हम निश्चित सरना धर्म कोड की मान्यता को हासिल कर सकेंगे। हमें एकजुट होकर जागरूकता के साथ अपने आंदोलन को व्यापक और सार्थक बनाते रहना होगा।

सरना धर्म कोड जनसभा में निम्न दो प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए :
-आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा आयोजित आज की सरना धर्म कोड मान्यता जनसभा में पारित किया गया कि प्रकृति पूजक आदिवासियों को जब तक उनका धार्मिक मान्यता- सरना धर्म कोड की मान्यता नहीं मिलती है, 5 प्रदेशों में जन आंदोलन जारी रहेगा।

-तय हुआ कि पूर्व घोषित 30 नवंबर का 5 प्रदेशों में रेल रोड चक्का जाम आंदोलन को फिलहाल बढ़ाकर 30 जनवरी 2023 को किया जाएगा। कारण, प्रधानमंत्री की तरफ से सरना धर्म कोड एवं अन्य आदिवासी मुद्दों पर सेंगेल से बातचीत की पेशकश की गई है।

आज की जनसभा का प्रारंभ और अंत सरना एकता प्रार्थना से की गई। बीच में ज्योति मुर्मू ने सरना धर्म क्यों पर जारी आज के प्रेस विज्ञप्ति को पढ़कर सुनाया। धन्यवाद ज्ञापन ललित भगत (उरांव) ने दिया। जनसभा में डॉक्टर करमा उरांव के अस्वस्थ होने एवं धर्मगुरु बंधन तिग्गा की अनुपस्थिति का भी जिक्र करते हुए डॉक्टर करमा उरांव के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की गई।

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