शुक्रवार को गुवाहाटी में जुटेंगे पांच राज्यों के आदिवासी, शनिवार को राज्यपाल को देंगे ज्ञापन

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डीजे न्यूज, गुवाहाटी : आदिवासी सेंंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा है कि सेंगेल अभियान अर्थात सशक्तिकरण अभियान विगत 25 वर्षों से चालू है। यह झारखंड, बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम के आदिवासियों के बीच में सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण का प्रयास कर रहा है। सालखन मुर्मू गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि
वर्तमान पांच प्रमुख मांगों पर लगातार आंदोलनमूलक कार्यक्रमों को पांच प्रदेशों में चालू रखा गया है। पांच प्रमुख मांगे हैं प्रकृति पूजक भारत के आदिवासियों को सरना धर्म कोड के नाम पर धार्मिक मान्यता दी जाए और जनगणना में शामिल किया जाए, असम के झारखंडी आदिवासियों अर्थात संताल, मुंडा, हो, भूमिज, उरांव आदि को अविलंब एसटी का दर्जा दिया जाए, संताली भाषा जो भारत देश में बड़ी आदिवासी भाषा है और आठवीं अनुसूची में भी शामिल है, को झारखंड में प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए और बाकी राज्यों में इसको यथासंभव सहयोग प्रदान किया जाए, आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में अविलंब जनतंत्र और संविधान को लागू किया जाए एवं अवश्यक समाज सुधार हो तथा बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर बने झारखंड प्रदेश , जो वस्तुतः आदिवासी प्रदेश है, को अबुआ दिसुम अबुआ राज के रूप में पुनर्स्थापित किया जाए। इससे बिरसा मुंडा और सिदो मुर्मू जैसे महान शहीदों का सपना सच हो सकेगा। इसके लिए भारत के संविधान और कानून को लागू करना काफी है।
सालखन मुर्मू ने मीडिया के प्रतिनिधियों को बताया कि कल 4 नवंबर को असम की राजधानी गुवाहाटी के पास सचल, दिसपुर में 5 प्रदेशों के लगभग दस हज़ार प्रतिनिधि धरना प्रदर्शन और जनसभा में शामिल होंगे। इसके बाद 5 नवंबर को असम के राज्यपाल से संध्या में मुलाकात करेंगे। उम्मीद है असम के मुख्यमंत्री से भी प्रतिनिधि मिल सकेंगे।
मीडिया को यह भी बताया गया कि फिलवक्त प्रधानमंत्री ने आदिवासी सेंगेल अभियान की मांगों पर गौर किया है, संज्ञान लिया है और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का संदेश भेजा है।सालखन मुर्मू ने बताया कि आदिवासी सेंगेल अभियान को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है। आदिवासियों को जरूर लंबा इंतजार करना पड़ा है, मगर अभी उनके आशा, आकांक्षाओं के पूर्ण होने की पूरी संभावना है।
अंत में सेंगेल के आसाम प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सोहन हेम्ब्रम ने असमीज भाषा में संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया और मीडिया को धन्यवाद दिया। इस मौके पर केंद्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू, असम उपाध्यक्ष बाजून टूडू और केंद्रीय संयोजक सेंगेल युवा- छात्र मोर्चा तिलका मुर्मू शामिल थे।

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