पांडवों के समय से ही पूर्वी टुंडी के शिव मंदिर की पूजा की व्यवस्था संभाल रहे आदिवासी

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डीजे न्यूज, पूर्वी टुण्डी ,धनबाद  :  रूपन पंचायत अंतर्गत सोनापानी स्थित पाण्डव काल के शिव मंदिर मे आदिवासी समुदाय के लोग व्यवस्था संभालते हैं। सोनापानी शिव मंदिर पूजा करने के लिए भक्तों को कतारबद्ध होकर अपने बारी का इंतजार करना पड़ता है। पाण्डव काल का मंदिर जर्जर हो जाने के कारण मंदिर के अंदर एक बार में तीन से चार लोग ही प्रवेश कर पाते हैं। टिल्हे के ऊपर स्थित है मंदिर मंदिर में पाए जाने वाले पत्थरों पर बने नक्काशी अपनी पौराणिकता का प्रमाण देते हैं। नक्काशी के अलावा पौराणिक काल के प्राचीन भाषाओं में पत्थरों पर कुछ अक्षर व शब्दों के भी होने का अनुमान है।

ऐसे पड़ा मंदिर का नाम सोनापानी

मंदिर से कुछ दूर पर एक छोटी सी जोरिया बहती है मंदिर पहुंचने वाले लोगों के लिए उस स्थान पर जल का एकमात्र वही साधन है। क्षेत्र के बुजुर्ग बताते हैं कि एक समय में उस जोरिया के पानी के मिट्ठी में सोने का कण पाया जाता था। इसी कारण उस जोरीया को सोनापानी के नाम से जाना जाता था धीरे धीरे उस पूरे क्षेत्र को ही सोनापानी क्षेत्र से जाना जाने लगा। इस मंदिर में आदिवासी समुदाय के लोगों की विशेष आस्था है प्रत्येक सोमवार को इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ होती है इसके अलावा महाशिवरात्रि के दिन पूजा करने पहुंचने वाले हजारों भक्तों के कारण कई किलोमीटर लंबी कतार लगती है।

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