पशुधन के सम्मान में पूर्वी टुंडी में मनाया गया पारंपरिक सोहराय पर्व

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पशुधन के सम्मान में पूर्वी टुंडी में मनाया गया पारंपरिक सोहराय पर्व

डीजे न्यूज, पूर्वी टुंडी,धनबाद : प्रखंड क्षेत्र के विश्वाडीह और गोरगा नीमकुल्ही गांवों में पारंपरिक सोहराय पर्व पूरे उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। इस पर्व को पशुधन के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करने के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है।

 

संथाल समाज की पहल:

सोनोत संथाल समाज के प्रखंड अध्यक्ष संदीप हांसदा ने बताया कि सोहराय पर्व हमारी परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। यह पर्व बैल, भैंस जैसे मवेशियों के प्रति स्नेह और कृतज्ञता प्रकट करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से पशुधन के महत्व को समझने और उनकी देखभाल करने की प्रेरणा मिलती है।

 

पर्व की विशेषताएं:

सोहराय पर्व पर मवेशियों को विशेष रूप से सजाया गया और उनकी पूजा-अर्चना की गई। ग्रामीणों ने सामूहिक नृत्य और गीत के माध्यम से अपनी संस्कृति का प्रदर्शन किया। इस मौके पर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने पर्व का आनंद लिया।

उपस्थित विशिष्ट जन:

कार्यक्रम में दिलीप हांसदा, सुकू सोरेन, आनंद हांसदा, सर्वेश हांसदा, गणेश हांसदा, कैलाश हांसदा, नीलकमल किस्कू, रविलाल टुडू, और अनील हांसदा सहित कई ग्रामीण शामिल हुए।

 

परंपरा और समाज के प्रति संदेश:

संदीप हांसदा ने कहा कि सोहराय पर्व सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि हमारी परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने का एक जरिया है। इस पर्व से समाज में सहयोग और एकता का संदेश जाता है।

सोहराय पर्व का यह आयोजन न केवल ग्रामीण संस्कृति को जीवंत बनाए रखने का प्रयास है, बल्कि पशुधन और परंपरा के प्रति आदर और स्नेह का प्रतीक भी है।

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