वेल्लोर से लौटा टिंकू का शव, परिवार और गांव में छाया शोक

0
Screenshot_20250103_224214_WhatsApp

वेल्लोर से लौटा टिंकू का शव, परिवार और गांव में छाया शोक

डीजे न्यूज, पेंक-नारायणपुर,नावाडीह,बोकारो : उपरघाट के मुंगोरंगामाटी (पारटांड़) निवासी प्रवासी मजदूर टिंकू महतो (30) का शव शुक्रवार सुबह वेल्लोर से उनके पैतृक गांव पहुंचा, जिससे पूरे गांव में मातम छा गया। शव पहुंचते ही परिजनों का करुण क्रंदन हर किसी को भावुक कर गया।

 

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

टिंकू की पत्नी लीला देवी और मां भगीया देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। लीला देवी की करुण पुकार, “हम केकर बिगाड़ले रहनी हा, अब हमनी के केकरा सहारे रहब?” ने मौजूद हर व्यक्ति को रुला दिया। उनके छोटे बच्चे, मिस्टी कुमारी (5) और विद्या कुमारी (3), अनाथ हो गए।

 

हादसे का कारण बना लॉज में रहना

टिंकू बेंगलुरु की एक कंपनी में कार्यरत थे और हाल ही में वेल्लोर अपने दोस्त की बीमार मां को देखने गए थे। दोस्त जब अपनी मां को अस्पताल ले गया, तब टिंकू लॉज में रुके थे। लौटने पर टिंकू मृत पाए गए। स्थानीय पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और बुधवार को उनके साथियों को सौंप दिया।

 

प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर सवाल

प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले भुनेश्वर कुमार महतो ने कहा कि यह झारखंड के प्रवासी मजदूरों की बदहाली का एक और उदाहरण है। उन्होंने राज्य सरकार से मजदूरों के पलायन को रोकने और रोजगार के अवसर प्रदान करने की अपील की। साथ ही टिंकू के बच्चों के लिए आर्थिक मदद की मांग की।

 

जनप्रतिनिधियों ने की अंतिम विदाई

डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो, मुखिया मोहन महतो, पंचायत समिति प्रतिनिधि बालेश्वर महतो, समाजसेवी नुनुचंद महतो और कई स्थानीय लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए। उन्होंने परिवार को सांत्वना दी और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। गांव में अब भी शोक का माहौल है।

इस खबर को शेयर करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *