तिरंगा ठीक करने में बिजली करंट से तीन भाई-बहनों की मौत

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डीजे न्यूज, रांची : कांके थाना क्षेत्र के अरसंडे में एक ही परिवार के तीन भाई-बहनों की 11 हजार वोल्ट के नंगे तार की चपेट में आने से माैत हो गई। घटना रविवार की देर शाम की है। संध्या 7.30 बजे विनीत कुमार झा अपने घर के छत पर लगे तिरंगा झंडा को ठीक करने गया था। आंधी-पानी में तिरंगा झंडा गिर गया था। जैसे ही विनीत झंडा ठीक करने लगा हवा की झोंका में लोहे का पाइप छत से दो फीट की दूरी से गुजर रहे बिजली के तार से सट गया। पलक झपकते ही विनीत की मौत हो गई। वहीं, झंडे का पाइप सटने से पूरे घर में बिजली करंट दौर गया। इससे आंगन में खड़ी दो चचेरी बहनों पूजा कुमारी और अर्चना भी करंट के चपेट में आ गई। आंगन में ही दोनों बहनों की सांसे छूट गई। जिस समय घटना घटी घर में सिर्फ महिलाएं ही थी। संयोग से अन्य सदस्य पलंग व चौकी पर थे। इस कारण बिजली की चपेट में आने से बच गए। घटना के बाद स्थानीय लोगों की सूचना पर बिजली सप्लाई बंद किया गया। आसपास के लोगों ने आंगन में बेसुध पड़ी दोनों बहनों को नजदीक के निजी अस्पताल ले गए जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। वहीं, देर रात तक युवक का शव छत पर ही पड़ा रहा। घटना शाम में घटी जबकि रात 12 बजे तक बिजली विभाग के स्टाफ मौके पर नहीं पहुंचे थे। डर से किसी की हिम्मत छत पर जाने की नहीं हो रही थी।
इधर, घटना की सूचना पर कांके बीडीओ शिलबंत कुमार भट्ट, कांके थाना के प्रभारी बृज कुमार मौके पर पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। कांके थाना प्रभारी खुद बिजली विभाग के कर्मी को फोन कर बिजली तार से सटे झंडे का पाइप हटाने को कहा। थानेदार के कड़ाई से कहने के बाद बिजली विभाग के कर्मी आने का आश्वासन दिया। तबतक बीडीओ और थानेदार दलबल के साथ घटना स्थल पर मौजूद थे।
जानकारी के अनुसार पूजा और विनीत पिता शिव कुमार झा सगे भाई बहन थे। तीन भाई बहनों में विनीत सबसे छोटा था। पूजा विनीत से बड़ी और सबसे बड़ा राहुल है। जबकि अर्चना कुमारी विजय झा की एकमात्र संतान थी। शिवकुमार झा गांव में रहकर खेतीबाड़ी करते हैं जबकि विजय दोनों भाईयों के परिवार के साथ रांची में रहते हैं। विजय झा गो पालन कर परिवार चलाते हैं। दोनों का संयुक्त परिवार है।
घटना के बाद पूरे मुहल्ले में मातम पसरा हुआ है। स्वजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। रोते बिलखते विजय झा बार बार यही कह रहे थे बच्चे बड़े हुए तो लगा अब दिन बदलेगा। दिन क्या बदलेगा पूरा परिवार उजड़ गया। एक मात्र बेटी थी वो भी छोड़कर चली गई अब किसके सहारे जीऊं। विजय झा कह रहे थे दो साल पहले घर से सटा कर बिजली का 11 हजार वाेल्ट का तार ले गया। कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा कि तार नहीं हटाना है तो कम से कम घर के समीप तार में प्लास्टिक कवर लगा दें लेकिन नहीं सुनी। हमारी क्या गलती है।
पूजा का कुछ दिन पहले ही एसबीआइ में क्लर्क पद पर सलेक्शन हुआ था। गुजरात जाकर नौकरी ज्वाईंन करनी थी। घर में एक सदस्य को सरकारी नौकरी लगने से पूरा परिवार खुश था। लगा अब कुछ आर्थिक स्थिति बदलेगी। वहीं, पूजा के बड़े भाई राहुल प्राइवेट नौकरी करते हैं। छोटा भाई विनीत भी किसी दुकान में नौकरी करता था। जबकि अर्चना की शादी की तैयारी चल रही थी।
विजय की दो लड़की थी। बड़ी बेटी की मौत तीन-चार पहले ही हो गई थी। छोटी बेटी को देखकर ही विजय का जीवन कट रहा था।
बिजली विभाग की लापरवाही ही कही जा सकती है कि पतली गली से 11 हजार वोल्ट का नंगी तार लगा दिया। विजय कुमार झा के घर से मात्र दो फीट की दूरी पर मौत रूपी बिजली की तार गुजर रही है। कई अन्य घरों की दूरी भी बिजली तार से काफी कम है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। अविलंब तार हटायी जाए।
हर घर तिरंगा अभियान से प्रेरित होकर विनीत चार दिन पहले अपने घर के छत पर लोहे के पाइप के सहारे तिरंगा लगाया था। तीन दिन से लगातार आंधी पानी से तिरंगे का पाइप गिर गया। रविवार को शाम में उसी पाइप को ठीक करने गया था।
देर रात तक बीडीओ शिलबंत कुमार भट्ट स्वजनों से तीनों मृतकों के शव का पोस्टमार्टम कराने का आग्रह करते रहे लेकिन स्वजन मानने को तैयार नहीं हैं।

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