स्वस्थ जीवनशैली से तीन चौथाई रोगों को रोका जा सकता : डॉ. तोमर
स्वस्थ जीवनशैली से तीन चौथाई रोगों को रोका जा सकता : डॉ. तोमर
आरोग्य भारती ने आयोजित की वैज्ञानिक संगोष्ठी, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर जोर
डीजे न्यूज, धनबाद : आरोग्य भारती ने झंडु के सौजन्य से गुरवार को यहां एक होटल में स्वस्थ जीवनशैली पर वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान धन्वन्तरि वन्दना और दीप प्रज्वलन से हुई। इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि आरोग्य भारती के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं विश्व आयुर्वेद मिशन के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जीएस तोमर थे।
डॉ. तोमर ने अपने उद्बोधन में बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन अब संक्रामक रोगों से हटकर जीवनशैली जन्य रोगों की ओर ध्यान दे रहा है। उन्होंने बताया कि तीन चौथाई से अधिक इन रोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर रोका जा सकता है। आयुर्वेद, जो कि विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है, सम्पूर्ण जीवन दर्शन को प्रस्तुत करती है। इसमें वर्णित दिनचर्या, रात्रिचर्या और ऋतुचर्या एक आदर्श जीवनशैली का निर्माण करते हैं।
कोरोना काल में आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है। ब्राह्म मुहूर्त में उठने से लेकर ऊषापान, चक्रमण, योगाभ्यास, व्यायाम, प्रतिमर्श नस्य, गंडूष/कवल धारण, आहार, निद्रा और ब्रह्मचर्य के परिपालन से स्वस्थ रह सकते हैं। आहार के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ऋतु और देशकाल के अनुरूप लिया गया ताजा और सुपाच्य पौष्टिक आहार हमारे स्वास्थ्य का आधार है।
आयुष चिकत्साधिकारी डॉ. अमरेन्द्र पाठक ने आयुष मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए प्रकृति परीक्षण अभियान की विस्तृत जानकारी दी। आरोग्य भारती धनबाद के अध्यक्ष डॉ. विकास रमन ने जीर्ण एवं असाध्य रोगों के उपचार के साथ स्वस्थ जीवनशैली के महत्व पर अपने अनुभव साझा किए।
झारखंड प्रांत संयुक्त सचिव जयप्रकाशनारायण सिंह ने मोटे अनाज की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। प्रांत महिला प्रकोष्ठ प्रमुख रमा सिन्हा ने किशोरी स्वास्थ्य के लिए उपयोगी तथ्य साझा किए।
कार्यक्रम में जिला झारखंड पर्यावरण प्रमुख अरुण राय, कार्याध्यक्ष दयाशंकर चौबे, उपाध्यक्ष यतीन्द्र नाथ ठाकुर, सह सचिव विकास ओझा, महानगर अध्यक्ष डी. एन. सिंह, महानगर सचिव बी. पी. पी. सिंह, सह सचिव अजय सिन्हा, अशोक कुमार, महिला प्रकोष्ठ सचिव संगीता शर्मा, सुषमा उपाध्याय, नीतू सिन्हा, किरण सिन्हा सहित 65 कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की।
धन्यवाद ज्ञापन अरुण राय ने किया। अंत में शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।