सेंट्रल जेल में बंदियों के लिए पढ़ाई की होगी व्यवस्था

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डीजे न्यूज, गिरिडीह :प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार के मार्गदर्शन में रविवार को केंद्रीय कारा, गिरिडीह में काराधीन बंदियों के लिए जेल अदालत -सह- विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस जेल अदालत सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम में रिमांड-सह-रिटेनर -सह-जेल अधिवक्ता विपिन कुमार यादव, कारा पाल केंद्रीय कारागार, गिरिडीह प्रमोद कुमार मुख्य रूप से उपस्थित थे।
इस मौके पर रिमांड अधिवक्ता विपिन कुमार यादव ने ‌जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा बंदियों को दिए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में कहा कि नालसा, नई दिल्ली एवं झालसा रांची के द्वारा काराधीन बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाए जा रहे हैं। इसके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता दी जाती है। इसी के तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत का आयोजन किया जाता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से कारा में संसीमित बंदियों को निरंतर विधिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बंदियों के बीच से ही पारा लीगल वॉलिंटियर्स की नियुक्ति की गई है। वह निरंतर बंदियों के संपर्क में रहकर उनकी समस्याओं को कारा प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार तक पहुंचाते हैं। जहां जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में कार्य किया जाता है। वैसे बंदीगण जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल से निःशुल्क अधिवक्ता उपजब्ध कराया जाता है, जो उनके केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं। उनके इन मामलों की निरंतर मॉनिटरिंग भी जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह के माध्यम से की जाती है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के द्वारा जेल में प्रतिनियुक्त पारा लीगल वालंटियर्स को भी इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए आम बंदियों के बीच निरंतर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने का निर्देश दिया। साथ ही जेल पीएलबी को यह निर्देश भी दिया गया कि इस कारा में कोई भी बंदी अपने कानूनी अधिकारों से वंचित नहीं रहे, इसके लिए वे सभी निरंतर आम बंदियों से संपर्क में रहें। यदि किन्हीं को निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो उसका आवेदन तुरंत कारा प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के ईमेल आईडी तथा कार्यालय में भेजें। उन बंदियों को तत्काल विधिक सहायता के तौर पर निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाएगा।
सभी बंदियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना न्याय प्रशासन एवं कारा प्रशासन का दायित्व है। काराधीन बंदियों विशेषकर महिला बंदियों एवं बच्चों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए भी आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम को केंद्रीय कारागार के कारा पाल प्रमोद कुमार ने भी संबोधित करते हुए बंदियों को कानूनी दायरे में रहकर जेल की सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बंदियों को अपने समय का सदुपयोग कर पढ़ाई लिखाई एवं अन्य हुनर को सीखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कारा प्रशासन वैसे बंदी को जो आगे पढ़ाई लिखाई करना चाहते हैं अथवा अन्य तकनीकी ज्ञान हासिल करना चाहते हैं उसके लिए केंद्रीय कारागार में सुविधा उपलब्ध कराने हेतु निरंतर प्रयास किया जा रहा है। बहुत जल्द ही इस दिशा में सकारात्मक पहल की शुरुआत होने की संभावना है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी जेल पीएलबी एवं न्यायालय कर्मी नवनीत कुमार दाराद, जेल कर्मियों तथा पीएलवी दिलीप कुमार की भूमिका सराहनीय रही। कार्यक्रम का संचालन पारा लीगल वालंटियर दिलीप कुमार ने किया।

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