कोडरमा में 15 को होगा साहित्यकारों का जुटान
डीजे न्यूज, कोडरमा : निखिल भारत बंग साहित्य सम्मेलन (बिहार, झारखंड व ओडिशा) का आंचलिक द्विवार्षिक सम्मेलन 15 और 16 अक्टूबर को झुमरीतिलैया में होगा। बांग्ला के अलावा हिंदी, मैथिली, खोरठा एवं अन्य भाषाओं के साहित्यकार इसमें शामिल होंगे। वर्ष 1922 में कविगुरू रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित इस संस्था का उद्देश्य देश की भाषायी साहित्य को समृद्ध बनाकर सांस्कृतिक एवं सामाजिक रूप से देश को एकसूत्र में पिरोना था। इस सम्मेलन के जिला सचिव संदीप मुखर्जी ने बताया कि सम्मेलन करीब सौ वर्षों से यह कार्य करता आ रहा है। रविंद्रनाथ टैगोर का मानना था कि साहित्य एवं संस्कृति को समृद्ध बनाकर एवं इसके आदान-प्रदान से ही देश मजबूत एवं एकजुट रखना संभव है। यही वजह है कि सम्मेलन की ज्यादातर शाखाएं गैर बांग्लाभाषी प्रदेशों में हैं। आयोजन कोडरमा शाखा द्वारा किया जा रहा है। झुमरीतिलैया स्थित कृष्णा होटल में 15 अक्टूबर को तीन बजे उद्घाटन समारोह में केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी शामिल होंगी। सम्मेलन में संस्था के केंद्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य, राज्यसभा सदस्य डा. महुआ मांझी, विधायक डा. नीरा यादव, विशिष्ट उपन्यासकार व संपादक डा. जयंत डे मूल सभापति होंगे। उद्घाटन समारोह में जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष शालिनी गुप्ता और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहेंगे। शाम को विभिन्न शाखाओं द्वारा प्रभावशाली सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे। साथ ही साहित्यिक विषयों पर परिचर्चा होगी। कार्यक्रम को लेकर स्वागत समिति के अध्यक्ष सनत कुमार दा एवं शाखा सचिव संदीप मुखर्जी ने कहा कि सम्मेलन के दूसरे दिन बांग्ला भाषा के अलावा मैथिली, खोरठा, हिन्दी के साहित्यकार, रचनाकार व वक्ता उपस्थित रहेंगे। इससे पूर्व वर्ष 2007 में निखिल भारत बंग साहित्य सम्मेलन का राष्ट्रीय सम्मेलन झुमरीतिलैया में हुआ था, जिसमें तत्कालीन प्रतिरक्षा मंत्री व सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे स्व. प्रणब मुखर्जी शामिल हुए थे। इस सम्मेलन में भी देश के विभिन्न प्रांतों के कई भाषायी साहित्यकार जुटे थे।