सराक जैन समाज को एकसूत्र में लाने की जरूरत : आचार्य सुयशसूरी
शिखरजी में सराक जैन संसद का हुआ गठन
डीजे न्यूज, गिरिडीह : गिरिडीह में जैनियों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल शिखरजी मधुबन में मूलवासी श्रावक जैन समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। शिखरजी के सराक भवन में आयोजित इस बैठक में झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा से आए समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में जैन श्वेताम्बर आचार्य सुयशसूरीश्वर महाराज के दिशा निर्देश में उपस्थित सभी श्रावक बंधुओं ने विचार विमर्श करके सराक जैन संसद का गठन किया गया। जिसका मुख्यालय शिखरजी रहेगा। सर्वसम्मति से संदीप माजी को अध्यक्ष, पंकज मंडल को सचिव और मनबोध मंडल को कोषाध्यक्ष चुना गया। इसके साथ ही काजल सराक और दिलीप सराक को कार्यालय मंत्री, लोकेश माजी को प्रचार मंत्री और रितेश माजी को शोध एवं राजनीतिक संयोजक बनाया गया। इस मौके पर आचार्य महाराज ने कहा कि सराक समाज इस इलाके के मूलवासी जैन धर्मावलंबी हैं, जो प्राचीन समय से झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के लगभग 662 गाँवों में रहते आए हैं। लेकिन सामाजिक और राजनीतिक पहचान से अभी तक वंचित है। आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी सराक जाति को पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में ओबीसी का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन झारखंड में समाज इस अधिकार से वंचित है। आचार्य ने बताया कि पूरे समाज को एकसूत्र में लाने के उद्देश्य से सराक जैन संसद का गठन किया जा रहा है। आगामी दिनों में तीनों राज्यों में सराक समाज में जनसंपर्क और प्रचार करके सराक जैन संसद की गतिविधियों को आगे बढ़ाया जाएगा। बैठक में राजनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए तय किया गया कि आगामी झारखंड विधानसभा, निकाय और पंचायत चुनावों में सराक समाज के योग्य व्यक्तियों को उम्मीदवार बनाया जाएगा। जिससे समाज राजनीतिक रूप से भी गोलबंद हो सके। बैठक में मुख्य रूप से बोकारो के पंकज मंडल, मन बोध मंडल, दिलीप माजी, लोकेश माजी, जामताड़ा से काजल सराक, रितेश माजी, बांकुड़ा से संदीप माजी और अन्य लोग शामिल हुए।