बिजली काटने गए कोल अधिकारीयों को ग्रामीणों ने बैरंग लौटाया

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डीजे न्यूज, लोयाबाद, धनबाद : शनिवार को सेंद्रा ओटो वर्कशॉप के समीप मोहल्ले की बिजली काटने और बाउंड्री वाल गिराने के लिए गए कोल अधिकारियों का ग्रामीणों का विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों के हंगामे को देखते अधिकारी बैरंग वापस लौट गए। इस मोहल्ले में बीस गैर बीसीसीएल कर्मियों का आवास है। ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगों का जब तक सुरक्षित पुर्नवास नहीं कर दिया जाता और आउटसोर्सिंग कंपनी में उन्हें नियोजन नहीं दिया जाता है तब तक वे लोग यहां से हटने वाले नहीं हैं। संतोष सिंह ,अजय कुमार,टोलू कुमार,मुख्तार आलम,भुनेश्वरी देवी,सरस्वती देवी, प्रमीणा देवी,आरती कुमारी,दीपक केशरी सहित अन्य ग्रामीणों ने कोल अधिकारियों पर जबरन खाली करने का दबाव बनाने और धमकाने का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने बताया कि सेन्द्रा ऑटो वर्कशॉप के पास करीब 60 परिवार रहते थे। 40 परिवार जो बीसीसीएल कर्मी थे, उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है।करीब 20 गैर कर्मी बेबसी में दिन काट रहे हैं। अब इन परिवारों की बिजली सुविधा काटी जा रही है। ज्ञात हो कि ऑटो वर्कशॉप को ध्वस्त कर यहां ओबीआर गिराया जा रहा है।अधिकारी की माने तो ओबीआर डम्पिंग की जगह नही है।

ओबी डंप में दब कर सौ से अधिक पेड़ नष्ट हो जाएगा
कोलियरी प्रबंधन द्वारा जिस स्थान पर ओबी गिराने की योजना बनाई गई है,उसके आसपास में करीब सौ से अधिक पेड़ है,जो बड़े व पुराने हैं ।ओबी गिराने से पहले कुछ घरो और क्वाटरों को ध्वस्त तो कर दिया गया है। इस पेड़ को हटाने के लिए वन विभाग की अनुमति की जरूरत पड़ेगी। राज्य सरकार के स्कूल भवन को अबतक ध्वस्त नही किया गया है।ग्रामीण का कहना है कि स्कूल ध्वस्त का एनओसी नही मिला है,जबकि बीसीसीएल अधिकारी की माने तो स्कूल भवन ध्वस्त करने का एनओसी मिल चुका है। 12 साल पहले 15 लाख की लागत से राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालय बनाया गया था,200 बच्चे यहां पढ़ते थे।

वृक्षों को काटने के लिए वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया है। पुनर्वास के लिए जगह की तलाश की जा रही है। कुछ लोगों को नियोजन देने के लिए रामअवतार आउटसोर्सिंग कंपनी प्रबंधन से बात चल रही है।

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