सम्मेद शिखर की पवित्रता को बरकरार रखा जाएगा : उपायुक्त

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने के विरोध को लेकर आज उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में जैन कमिटी के साथ पारसनाथ विकास प्राधिकारण की उच्च स्तरीय बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान जैन समाज के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल सम्मेद शिखर मधुबन का स्वरूप बदल कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने के प्रस्ताव को लेकर विचार विमर्श किया गया। इस उच्च स्तरीय बैठक में आईएएस प्रशिक्षु, डुमरी एसडीएम प्रेमलता मुर्मू, पीरटांड़ बीडीओ और अंचलाधिकारी के साथ डुमरी एसडीपीओ मनोज कुमार, जिला खेल पदाधिकारी के साथ मधुबन के गुणायतन के महामंत्री सुभाष जैन, बीस पंथी कोठी के सुभाष सिन्हा समेत कई अधिकारी और अलग अलग तीर्थ क्षेत्र कमेटी के सदस्य शामिल हुए।

 

बैठक में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने मौजूद अधिकारयों को कड़ा निर्देश जारी करते हुए कहा कि साल बीतने को है और नया साल आने वाला है। इसे ध्यान में रखते हुए पूरे सम्मेद शिखर मधुबन में किसी सूरत में मांस मंदिरा की बिक्री नही हो और न ही सम्मेद शिखर में प्रवेश करने वाले ही कोई इसका इस्तेमाल करे। क्योंकि सम्मेद शिखर मधुबन आस्था का केंद्र है। पारसनाथ विकास प्राधिकारण के हुए बैठक में कई और मुद्दो पर चर्चा हुई। इसके अलावा उपायुक्त ने जोर देते हुए कहा कि जल्द ही सम्मेद शिखर के डेवलपमेंट को लेकर छह सदस्यो के पैनल का गठन किया जाएगा। इसी पैनल के सुझाव पर मधुबन में नए सड़क निर्माण के साथ बायो शौचालय का भी निर्माण किया जाना है। लेकिन मांस मंदिरा पर जो रोक पहले से लगा है, उसका पालन अब और कड़ाई से किया जाएगा। इसमें कोई लापरवाही नहीं होगी। इसके अलावा उपायुक्त ने कहा कि पर्यटन स्थल के रूप में किए जाने को लेकर जो भ्रम है उसे दूर करने का प्रयास होगा।

 

बैठक में लिए गए निर्णय

 

वर्तमान समय में स्थानीय क्षेत्र देश के विभिन्न जगहों पर पारसनाथ ( शिखर जी) के लिए जनभावना में जो भ्रांतियाँ फैलाई गई है, उसे स्थानीय एवं मधुबन के विभिन्न जैन संस्था / ट्रस्ट के सहयोग से स्पष्ट किया जाएगा।

 

पारसनाथ विकास प्राधिकार हेतु 6 गैर सरकारी निदेशकों की नियुक्ति विभागीय संकल्प संख्या पर्य० / यो0-02/2016 -01, दिनांक 01.02.2016 में उल्लेखानुसार किये जाने हेतु निर्णय लिया गया।

 

पारसनाथ विकास प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र सीमा का निर्धारण करने हेतु स्थानीय एवं मधुबन के विभिन्न जैन संस्था / ट्रस्ट से सहयोग लिया जाएगा।

 

सरकार के अपर सचिव, पर्यटन, कला संस्कृति, खेल-कूद एवं युवा कार्य विभाग, झारखण्ड सरकार के कार्यालय ज्ञाप 1391 दिनांक 22.10.2018 के अनुसार पारसनाथ सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र की पवित्रता अक्षुन्न रखी जाएगी।

 

पारसनाथ विकास प्राधिकार के कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत विकासात्मक कार्य एवं नागरिक सुविधाएँ हेतु स्थानीय एवं मधुबन के विभिन्न जैन संस्था / ट्रस्ट की सहभागिता से प्राधिकार के निर्णय के आलोक में तैयार किया जाएगा।

 

पारसनाथ विकास प्राधिकार के निर्णय से पारसनाथ क्षेत्र में किसी प्रकार का कैम्पिंग की सुविधाएं दुकाने व वाणिज्यिक प्रयोजन की संस्थाओं का निर्माण किया जाएगा।

 

मधुबन पारसनाथ पर्वत शिखर जी) में साफ सफाई व्यवस्था तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली (Solid Waste Management System) हेतु भूमि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।

 

पारसनाथ विकास प्राधिकरण के गठन होने तक स्थानीय नागरिक सुविधाओं का विकास स्थानीय समुदाय एवं मधुबन के विभिन्न जैन संस्था / ट्रस्ट के सहयोग से किया जाने पर निर्णय लिया गया।

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