वनाधिकार कानून का उद्देश्य लोगों को अबुआ वीर दिशोम अभियान से जोड़ना : नमन प्रियेश
वनाधिकार कानून का उद्देश्य लोगों को अबुआ वीर दिशोम अभियान से जोड़ना : नमन प्रियेश
1594 लोगों ने किया दावा
डीजे न्यूज, गिरिडीह : उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में वन अधिकार कानून 2006 के तहत वीर दिशोम अभियान को सफल बनाने को लेकर गुरुवार को समीक्षा बैठक की गई।
उपायुक्त के निर्देशानुसार जिला कल्याण पदाधिकारी की देखरेख में मास्टर ट्रेनरों द्वारा जिला स्तरीय वीर बंधु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार का उद्देश्य लोगों को अबुआ वीर दिशोम अभियान से जोड़ना है। इसके माध्यम से वैसे लोग जो 13 दिसंबर 2005 से पूर्व वन पर आश्रित हैं या वन क्षेत्र में रह रहे हैं उन्हें दावा पत्र के आधार पर पट्टा दिया जाना है। दावा पत्र दो प्रकार के होंगे एक निजी दवा पत्र और दूसरा सामुदायिक दावा पत्र, यह नियम वनाधिकार कानून 2006 के अंतर्गत आता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी जिला कल्याण पदाधिकारी जयप्रकाश मेहरा द्वारा प्रशिक्षणार्थियों/वीर बंधुओं को दिया गया। उन्होंने जिला में अब तक हुए दावा पत्र के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि सभी प्रखंडों को मिलाकर 1546 निजी दावा पत्र और 48 सामुदायिक दावा पत्र एवं 24 जनवरी को 1594 दावा पत्र प्राप्त हुए हैं, जिनकी प्रक्रिया होना अभी बाकी है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में रांची से प्रशिक्षित होकर आए मास्टर ट्रेनर सह भूमि उप समाहर्ता डुमरी द्वारा वन अधिकार कानून 2006 के तहत एकल पट्टा और सामुदायिक पट्टा के विषय में उपस्थित पदाधिकारियों को विस्तार पूर्वक बताया गया।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अंचल, अनुमंडल और वन विभाग का कार्य वन अधिकार समिति/ग्राम सभा को दावा प्रपत्र तैयार करने में सहयोग करना है और जो भी दस्तावेज की आवश्यकता होगी उसे उपलब्ध कराना है।
उन्होंने यह भी बताया कि इस कानून में ग्राम सभा को अधिकारी का दर्जा दिया गया है और दावा पत्र की सारी कार्रवाई ग्राम सभा के माध्यम से होनी है।
उन्होंने बताया कि इस अभियान में वीर बंधुओं का काम सिर्फ वन अधिकार समिति को सहयोग करना है और अंचल और अनुमंडल के साथ समन्वय बनाना है। वीर बंधुगण दावा पत्र भरने में वनाधिकार समिति का सहयोग करेंगे। उसमें जो दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य है इसका जांच करने के बाद दावा पत्र वनाधिकार समिति के पास जमा करेंगे। जब सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। उसके बाद ग्राम सभा के पास दावा पत्र जमा करेंगे। ग्राम सभा सारी प्रक्रिया जांचने के बाद ग्राम सभा की बैठक कर रेजुलेशन पारित करते हुए अग्रतर कार्रवाई के लिए अनुमंडल समिति के पास दस्तावेज भेज देंगे। इसके अलावा अन्य कई बातों का विस्तृत जानकारी सभी को दिया गया।
प्रशिक्षण में वन अधिकार कानून 2006 के विषय में मास्टर ट्रेनर सह अभिव्यक्ति फाउंडेशन के विलियम जेकब द्वारा कानूनी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी और एक्ट के विषय में विस्तार पूर्वक बताया गया।
प्रशिक्षण में झार एफआरए एप के विषय में मास्टर ट्रेनर सह ई डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सूर्या सरकार और आईटी मैनेजर अंकुर कुमार द्वारा विस्तार पूर्वक बताया गया।
इधर मौके पर मौजूद मास्टर ट्रेनर सह वन क्षेत्र पदाधिकारी गावां अनिल कुमार द्वारा कहा गया कि किसी भी तरह का गलत दावा प्रस्तुत होने पर उसे निरस्त किया जाएगा। इसलिए दावा पत्र सही व्यक्ति को मिले या जो भी दावा कर रहे हैं वह समुदाय वास्तव में दावा का हकदार हो।
बैठक में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, जिला कल्याण पदाधिकारी गिरिडीह, जिला वन पदाधिकारी गिरिडीह, अनुमंडल पदाधिकारी गिरिडीह, डीपीआरओ रश्मि सिन्हा, भूमि उप समाहर्ता डुमरी, अंचल अधिकारीगण, वन प्रमंडल के पदाधिकारीगण, मास्टर ट्रेनर अनिल कुमार, विलियम जेकब, जामेल किस्कू आदि मौजूद थे।